आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और आईसीएमआर-एनआईआईआरएनसीडी के बीच पूरी तैयारी के साथ किए गए इस समझौते का उद्देश्य आपसी हित के क्षेत्रों में नजदीकी कामकाजी संबंध स्थापित करना है। दोनों संस्थान संयुक्त अनुसंधान, संवर्धित शैक्षिक कार्यक्रमों और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के विकास जैसे प्रमुख उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आपसी तालमेल के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता को भुनाने के अवसरों को पहचानते हैं। यह साझेदारी स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रमों के महत्व को भी रेखांकित करती है, जो दोनों संस्थानों के छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करेगी।
डॉ. पी.आर सोडानी, प्रेसिडेंट, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर ने इस अवसर पर कहा, “हम संयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी परियोजनाओ तथा संयुक्त स्नातकोत्तर डिग्री/प्रमाणपत्र कार्यक्रमों को शुरू करने में अवसरों का पता लगाएंगे। हमारे संयुक्त प्रयास शिक्षा और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाएंगे। साथ मिलकर, हम वैज्ञानिक ज्ञान के कार्यान्वयन और प्रसार में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकते हैं, जिससे हमारे संस्थानों और व्यापक समुदाय दोनों को लाभ होगा।”
डॉ. बोन्था वीबाबू, प्रभारी निदेशक, आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्प्लीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज, जोधपुर ने कहा कि हम स्नातकोत्तर छात्रों और डॉक्टरेट कर रहे रिसर्च स्कॉलर्स के स्टूडेंट्स एक्सचेंज कार्यक्रमों का पता लगाएंगे।
इस सहयोग का एक उल्लेखनीय पहलू वैज्ञानिक ज्ञान के प्रसार के उद्देश्य से वेबिनार, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करने के लिए एक सामूहिक मंच बनाना है। विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक साथ लाकर, इस तरह के आयोजन गैर-संचारी रोगों से निपटने में नवीनतम अनुसंधान, रुझानों और चुनौतियों पर चर्चा में सहायता करेंगे, जो अंततः भारत में बड़े स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम में योगदान देंगे।
एक औपचारिक समारोह में आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर के अध्यक्ष डॉ. पी.आर. सोडानी और आईसीएमआर-एनआईआईआरएनसीडी, जोधपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. बोन्था वी. बाबू के बीच हुआ समझौता गैर-संचारी रोग (एनसीडी) अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में प्रगति को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शाता है।