जयपुर, 23 दिसंबर। जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) के तीसरे दिन रविवार को शानदार माहौल देखने को मिला। छुट्टी का दिन और फेस्टिवल सीजन के चलते शो ने नए रिकॉर्ड कायम किए। तीसरे दिन जेजेएस में लगभग 20 हजार से ज्यादा विजिटर्स ने शिरकत की, जो अब तक का एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा था। इससे यहां उपस्थित सभी एग्जीबिटर्स काफी उत्साहित नजर आए। उनका कहना था कि इस वर्ष का शो पिछले सभी संस्करणों से कहीं अधिक सफल और व्यापारिक दृष्टिकोण से लाभकारी साबित हुआ है। गोल्ड की कीमतें लगातार बढ़ने से विजिटर्स में इस बार लाइटवेट ज्वैलरी के प्रति विशेष रुझान देखने को मिला। ब्राइडल ज्वैलरी के प्रति भी काफी क्वेरीज इर्ज की गई। ओपन सेटिंग में नए इनोवेशंस के साथ कुंदन मीना ज्वैलरी और ट्रेडिशनल परब पोल्की भी काफी पसंद की जा रही है।
ज्वैलरी: जयपुर बाकी शहरों से क्यों है अलग?
रविवार को ‘द जयपुर एडवांटेज: वॉट सेट्स दिस ज्वैलरी हब अपार्ट’ विषय पर सैशन का आयोजन हुआ। इसमें जयपुर के प्रसिद्ध ज्वैलर्स ने इस पर चर्चा की कि भारत के सबसे अनोखे और सबसे लोकप्रिय आभूषण केंद्र के रूप में जयपुर शहर पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र क्यों है। इसका आयोजन जेजेएस में जयपुर ज्वैलरी डिजाइन फेस्टिवल (जेजेडीएफ) के अंतर्गत ‘अनकट: अनफिल्टर्ड डायलॉग्स’ में किया गया। सत्र के पैनलिस्टों में भूरामल राजमल सुराणा से चंद्र सुराणा, सुनीता शेखावत, बिरधीचंद घनश्यामदास से यश अग्रवाल, आम्रपाली से तरंग अरोड़ा और एक्सक्विजिट फाइन ज्वैलरी से अंजू जैन शामिल थे। सत्र का संचालन जेजेएस के संयुक्त सचिव अजय काला ने किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ज्वैलरी में कलर स्टोन की खास विशेषता है और उद्योग में ग्राहकों के बीच रीयल जेम्स की मांग हमेशा रहेगी।
चंद्र सुराणा ने इस बात पर जोर दिया कि शहर की धरोहर और ब्रांड की विरासत को बनाए रखने के लिए ग्राहकों की संतुष्टि के लिए गुणवत्ता और उच्च मानकों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उन्होंने कारीगरों व शिल्पकारों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने, शिल्प को अपनाने के लिए प्रेरित करने और उन्हें उचित मुआवज़ा सुनिश्चित करने के महत्व पर विशेष रूप से जोर दिया।
जयपुर ज्वैलरी में स्टोरी टेलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सुनीता शेखावत ने मीनाकारी की उत्कृष्ट कला और मीनाकारी की शुरुआत के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे जयपुर ने गुलाबी मीनाकारी के लिए विश्व में अपनी पहचान बनाई, यह एक ऐसा शिल्प है जो स्टोरी टेलिंग की शक्ति और इन कहानियों की निरंतर व्याख्या और पुनर्रचना के माध्यम से उन्नत हुआ है। हालांकि गुलाबी मीनाकारी की शुरुआत जयपुर में नहीं हुई, लेकिन उन्होंने बताया कि यह शहर की पहचान से से अभिन्न रूप से जुड़ गया है। ‘गुलाबी शहर’ की कहानी को ‘ पिंक इनेमलिंग’ की कला के साथ जोड़कर, यह एक अनूठा और स्थायी जुड़ाव स्थापित हो चुका है। उन्होंने सोशल मीडिया के प्रति अपनी चिंता भी व्यक्त की और बताया कि रचनात्मकता के मामले में यह नकारात्मक भूमिका भी निभा सकता है।
जयपुर के आभूषणों को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने की बात करते हुए, यश अग्रवाल ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में आभूषणों और डिजाइनों को प्रस्तुत करते समय एक प्रभावी और दिलचस्प कहानी को प्रस्तुत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिकता और नवाचार के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि वैश्विक बाजार की बदलती मांगों को पूरा करते हुए जयपुर की समृद्ध धरोहर को संरक्षित रखा जा सके।
जयपुर के ज्वैलरी हब की दिशा में आगे बढ़ने की बात करते हुए तरंग अरोड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जयपुर की ज्वैलरी की बिक्री का मुख्य कारण यह है कि यहां विशेष आभूषणों के अलग-अलग पहलुओं के कई कारीगर हैं, जो इन्हें साधारण यूरोपीय डिजाइनों से अलग बनाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शहर की स्थापना की कहानी और ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग द्वारा इसे अपने आभूषणों में शामिल करने की मानसिकता ही जयपुर को अन्य शहरों और यहां तक कि देशों के बीच भी अलग बनाती है। ज्वैलरी डिजाइन में हाल के ट्रेंड्स की बात करते हुए अंजू जैन ने मध्यम वर्ग के लिए आभूषण बनाने का अपना दृष्टिकोण साझा किया, जिसमें उन्होंने ज्वैलरी को दैनिक जीवन में पहनने पर जोर दिया गया।
उन्होंने ज्वैलरी को आधुनिक महिलाओं की बदलती जीवनशैली के अनुकूल होने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ज्वैलरी ऐसी होनी चाहिए, जिसे वे संजो सकें और अपने जीवन के विभिन्न अवसरों पर सहजता से शामिल कर सकें। ‘रिवोल्यूशनाइजिंग ज्वैलरी: द पावर ऑफ एआई’ सैशन में जेके डायमंड्स इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वैलरी के निदेशक जयनिल अजमेरा ने ज्वैलरी इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की परिवर्तनकारी भूमिका के बारे में बात की।
उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत भारतीय अब एआई का लाभ उठा रहे हैं। यह तथ्य ज्वैलर्स के लिए एआई के महत्वपूर्ण प्रभाव और लाभ बताता है। इस सैशन में एआई के अत्याधुनिक एप्लीकेशन पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें ज्वैलरी डिजाइन, फोटोग्राफी, क्वालिटी कंट्रोल और ग्रेडिंग में एआई का उपयोग शामिल रहे। सैशन में बताया गया कि टेक्नोलॉजी किस प्रकार इंडस्ट्री के भविष्य को नया आकार दे रही है।
व्यापार और नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए नेटवर्किंग ईवनिंग का आयोजन
जयपुर ज्वैलरी शो के दूसरे दिन की शाम होटल जयपुर मैरियट में एक भव्य नेटवर्किंग डिनर का आयोजन किया गया। सूफी बैंड स्वराग द्वारा लाइव म्यूजिक प्रस्तुति ने शाम को अधिक खुशनुमा बना दिया। इस बीच ज्वैलरी और जैम्स इंडस्ट्री से जुड़े प्रमुख व्यापारियों, एग्जीबिटर्स और डिज़ाइनर्स को व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने, नए साझेदारियों की संभावना तलाशने और उद्योग की नवीनतम ट्रैंड्स पर चर्चा करने का अवसर मिला।
इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में बेस्ट बूथ के पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके तहत 18 वर्ग मीटर से अधिक ज्वैलरी सेक्शन में बेस्ट बूथ अवॉर्ड बिरधीचंद घनश्याम दास और द्वितीय अवॉर्ड एक्सक्यूजिट फाईन ज्वैलरी को प्रदान किया गया। 9 वर्ग मीटर से अधिक की श्रेणी में बेस्ट जैमस्टोन्स बूथ में प्रथम पुरस्कार बिलाला ज्वैलर्स व द्वितीय पुरस्कार पीडी एंड कंपनी को मिला। वहीं 9 वर्ग मीटर के जैमस्टोन्स व ज्वैलरी बूथ श्रेणी में बागरिया जेम्स की यूनिट रतन्या को और द्वितीय पुरस्कार ग्रीन एस जेम्स को प्रदान किया गया। विजेताओं का चयन तीन निर्णायकों- मयंक गज्जर, गीतांजलि कासलीवाल और कविता जैन द्वारा किया गया।
महिला डिजाइनरों व उद्यमियों को किया सम्मानित —
समारोह में पांच महिला डिजाइनरों व उद्यमियों को उनके कौशल, हुनर व जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इनमें निधि गरोडिया, पवित गुजराल, प्रेरणा राजपाल, सीमा मेहता और तृषा दतवानी शामिल हैं।