डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में पारम्परिक और त्वचा विज्ञान में अत्याधुनिक प्रगति पर प्रकाश डालने वाले 36 सत्र आयोजित हुए

जयपुर 08 फरवरी 2025 – डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस के इलाज में आये नए एजेंट्स के बारे में कुशल वर्मा ने जानकारी दी , साइको डर्मेटोलॉजिकल डिसॉडर के मैनेजमेंट पर पैनल चर्चा हुई जिसे डॉ अनुपम दास ने मॉडरेट किया। सेरोइसिस में आ रहे नये इलाज के बारे में भी जानकर दी गई। डॉ. बीएम अंबाडी द्वारा डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा कम लागत और उच्च प्रभाव वाले नवाचार पर प्रकाश डालते हुए त्वचा शल्य चिकित्सा को रोशन करने के बारे में व्याख्यान दिया। ग्लूड नायलॉन सिवनी या मेश का उपयोग करके मेलानोसाइट-केराटिनोसाइट प्रत्यारोपण प्रक्रिया में सेल सस्पेंशन के प्रतिधारण के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है । ⁠विटिलिगो में चिकनी एपिडर्मल ग्राफ्ट ट्रांसफर के लिए बैलून वाला दस्ताना भी नई तकनीक का एक उद्धरण है । नवीन कम लागत वाला, हल्का फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन निक्रोमोटर डिवाइस भी एक नई तकनीक का बेहतर उपयोग है ।

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.यू.एस.अग्रवाल ने बताया की डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में पारम्परिक और त्वचा विज्ञान में अत्याधुनिक प्रगति पर प्रकाश डालने वाले 36 सत्र आयोजित हुए । जिस में त्वचा के स्वास्थ्य के भविष्य की रूपरेखा के बारे में चर्चा हुई। बेहतर तकनीक का उपयोग स्किन डिजीज में हम किस प्रकर कर सकते है और इलाज में एआई के बढ़ते इस्तेमाल पर भी एक सेशन हुआ।

प्रोफेसर डॉ क्रिस्टोस जुबुलिस (जर्मनी) ने आज हाइड्राडेनाइटिस सुप्पुराटिवा पर व्याख्यान बाल विज्ञान (Paediatric Dermatology) का महत्वपूर्ण सत्र त्वचा संबंधी विकार के बारे में चर्चा की उन्होंने बताया की रंजकता विकार (Pigmentary Disorders) बाल और खोपड़ी से जुड़ी समस्याएं एचआईवी और त्वचा पर प्रभाव मुँहासे (Acne) और मनोवैज्ञानिक त्वचा विज्ञान (Psychodermatology) खुजली (Itching) और दवाओं के दुष्प्रभाव फंगल संक्रमण (Mycoses) और त्वचा कैंसर त्वचा और आंतरिक रोग (Skin and Internal Diseases) के बारे में विस्तार से चर्चा की।

पर्यावरण परिवर्तन और त्वचा रोगों पर प्रभाव बच्चों में सूर्य के प्रकाश और पर्यावरणीय कारणों से एटोपिक एक्जिमा बढ़ते मुँहासे (Acne) पर शोध अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: 21 अंतरराष्ट्रीय वक्ता शामिल 6 अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने आज संबोधित किया 36+ सत्र और 150+ शोधपत्र प्रस्तुत

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