Edit-Rashmi Sharma
जयपुर, 10 अप्रेल 2020। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी की इस आपदा के समय राज्य सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो। राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवाभाव के साथ किया जाए। इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए। राज्य सरकार ने वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी निषिद्ध कर दी है।
श्री गहलोत ने यह भी अपील की है कि जो व्यक्ति सक्षम हैं वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें। सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं।
श्री गहलोत ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरन्तर प्रोत्साहित किया जाए और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण भी तत्काल प्रभाव से किया जाए। राशन एवं भोजन के पैकेट वितरित करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। इस दौरान किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन का किसी स्थान विशेष पर कैम्प लगााकर वितरण नहीं किया जाए। भामाशाह एवं स्वयंसेवी संस्था द्वारा सूखी राशन की सामग्री तथा पका हुआ भोजन जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाया जाए। इनका वितरण पैकेट के रूप में प्रशासन द्वारा ही घर-घर जाकर चिन्हित जरूरतमंद व्यक्तियों एवं परिवारों को किया जाए। स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि प्रशासन द्वारा गठित वितरण व्यवस्था के सदस्य हो सकते हैं एवं वे भोजन पैकेट के साथ अपनी संस्था के नाम का पैम्पलेट अथवा स्टीकर वितरित करवा सकते हैं।