Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 25 अप्रैल 2020 – कोरोना महामारी के कारण उपजे हालात भी भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक और ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी को विचलित नहीं कर पाए हैं। वर्तमान मुश्किल दौर में भी एनटीपीसी राष्ट्र को बिजली की निर्बाध आपूर्ति प्रदान करने में जुटा हुआ है। इस महारत्न कंपनी का प्रत्येक पावर स्टेशन अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम कर रहा है और इस दिशा में इसे केंद्रीय बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह के नेतृत्व में ऊर्जा मंत्रालय का पूरा सपोर्ट और मार्गदर्शन मिल रहा है।
कोविड- 19 संकट ने एक बार फिर विद्युत उपयोगिताओं के महत्व को रेखांकित किया है और एक बार फिर यह साबित हुआ है कि अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों के सुचारू संचालन में बिजली की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए एनटीपीसी कोयला आपूर्ति का कुशल प्रबंधन भी कर रहा है।
यहां तक कि एनटीपीसी के तमाम कर्मचारी फ्रंटलाइन पर काम करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि चैबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति जारी रहे। एनटीपीसी ने कहा है कि उसके सभी संयंत्र लॉकडाउन और सामाजिक दूरी से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। बिजली उत्पादन के साथ-साथ एनटीपीसी समाज के वंचित वर्ग के लोगों और प्रवासी कामगारों को राशन सामग्री और चिकित्सा सहायता प्रदान करके सामाजिक कल्याण की गतिविधियों में भी अपनी ओर से समृद्ध योगदान दे रहा है। एनटीपीसी का प्रबंधन तमाम घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहा है ताकि देश के हर कोने में कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई के दौरान पर्याप्त रूप से बिजली मिलती रहे।
पावर स्टेशनों के अपने बेड़े में एनटीपीसी विंध्याचल देश का सबसे बड़ा पावर स्टेशन है जिसने 13 अप्रैल, 2020 को 100 प्रतिशत से अधिक पीएलएफ हासिल किया और भारत के पहले अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल पावर स्टेशन एनटीपीसी खरगोन की 660 मेगावाॅट यूनिट इस अवधि में वाणिज्यिक हो गई, जो लॉकडाउन के बावजूद संचालन संबंधी कार्यों को लेकर एनटीपीसी की उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एनटीपीसी समूह की कुल स्थापित 62110 मेगावाट क्षमता के साथ, एनटीपीसी के पास 70 पावर स्टेशन हैं, जिनमें 24 कोयला, 7 कम्बाइंड साइकल गैस/लिक्विड फ्यूल, 1 हाइड्रो, 13 नवीकरणीय और 25 जेवी पावर स्टेशन हैं।