एनपीसीआई ने अपने उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एआई वर्चुअल असिस्टेंट पीएआई लॉन्च किया

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 26 मई 2020 – नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कहा कि उसने फास्टैग, रूपे, यूपीआई, एईपीएस जैसे अपने उत्पादों के बारे में रियल टाइम आधारित जागरूकता पैदा करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित चैटबोट पीएआई लॉन्च किया है। यह भारत में डिजिटल वित्तीय समावेशन में सुधार के लिए एनपीसीआई की एक और पहल है।

एआई वर्चुअल असिस्टेंट पीएआई चैबीसों घंटे उपलब्ध है जो उपयोगकर्ताओं को एनपीसीआई उत्पादों की सटीक जानकारी तक पहुँच प्रदान करने में मदद करता है। ग्राहक एनपीसीआई, रूपे और यूपीआई चलेगा की वेबसाइटों पर टेक्स्ट या आवाज के माध्यम से अंग्रेजी और हिंदी में अपने प्रश्न पूछ सकते हैं। पीएआई के माध्यम से, उपयोगकर्ताओं को एनपीसीआई के सभी उत्पादों पर उनके प्रश्नों के लिए आॅटोमेटेड रेस्पाॅन्स मिलता है। पीएआई वैश्विक रूपे कार्डधारकों के लिए भी सुलभ होगा।

एनपीसीआई के मार्केटिंग प्रमुख कुणाल कलावटिया ने कहा, ‘‘हम अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एआई-संचालित वर्चुअल असिस्टेंट पीएआई को जारी करते हुए खुशी का अनुभव कर रहे हैं। इस तेज गति वाली दुनिया में, उपयोगकर्ता के प्रश्नों का समय पर हल प्रस्तुत करना आज के दौर की आवश्यकता है। हमें विश्वास है कि पीएआई की सहायता से लोगों को पूरी तरह से नया अनुभव हासिल होगा जो बातचीत के रूप में प्राकृतिक और आसान हैं। इनसे उपयोगकर्ताओं को हमारे उत्पादों के बारे में और अधिक जानने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।‘‘

पीएआई को बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप को-रोवर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, जिसकी एआई/एमएल संचालित एनएलपी चैटबॉट तकनीक 20 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा एक्सेस की गई है।

को-रोवर प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ श्री अंकुश सभरवाल ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे दुनिया बदलती है, व्यवसायिक निरंतरता और इसके निर्बाध संचालन के लिए कन्वर्सेशनल एआई मुख्य होगा। कन्वर्सेशनल एआई द्वारा संचालित चैटबॉट हर ग्राहक को उनके डिजिटल भुगतानों की सत्यापित जानकारी के करीब लाता है। को-रोवर एनपीसीआई के साथ साझेदारी करने और भारत और दुनिया के लिए मजबूत डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान करने के लिए उत्साहित है।‘‘

भारतीय नागरिकों के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने में मदद करने के लिए, जल्द ही पीएआई भारत की कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा।

About Manish Mathur