Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 02 जुलाई 2020 – श्री धर्मेंद्र प्रधान, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री, श्री आर.के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (आईसी) बिजली और नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा और राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता और श्री अनिल बैजल, दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल की उपस्थिति में एनटीपीसी और इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बीच एक द्वि-पक्षीय समझौता ज्ञापन और एनटीपीसी, इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) एवं साउथ देहली म्यूनिसिपल काॅर्पोरेशन (एसडीएमसी) के बीच एक त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन पर दिल्ली में ‘ओखला लैंडफिल साइट पर अपशिष्ट से ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) फैसेलिटी’ के लिए हस्ताक्षर किए गए।
एमओयू के तहत, एसडीएमसी ओखला लैंडफिल साइट पर 50 टीपीडी रिफ्यूज डर्बीड फ्यूल (आरडीएफ) का उपयोग करने और एक मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए प्लाज्मा एन्हांस्ड गैसीफिकेशन (पीईजीएस) प्रौद्योगिकी आधारित ‘वेस्ट टू एनर्जी’ पायलट प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है। तकनीक इको-फ्रेंडली है क्योंकि इसमें फ्यूल गैस या बॉटम ऐश वेस्ट नहीं है। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए पायलट प्लांट की स्थापना की जा रही है।
दिल्ली के मेयर, कमिश्नर, एसडीएमसी; सीएमडी, एनटीपीसी ; सीएमडी, आईओसीएल और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, आईओसीएल, एनटीपीसी और एसडीएमसी ने भी अपनी मौजूदगी से इस अवसर की गरिमा बढ़ाई।
एमओयू पर श्री सुबोध कुमार, ईडी, आईओसीएल, श्री राकेश कुमार शर्मा, मुख्य अभियंता, एसडीएमसी और श्रीमती संगीता कौशिक, जीएम, एनटीपीसी ने हस्ताक्षर किए।
एनटीपीसी, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के साथ-साथ कावास, वाराणसी, इंदौर और मोहाली की नगरपालिकाओं के साथ सहयोग कर रहा है। कोयला या बिजली उत्पादन के लिए दहन अंश का उपयोग करने के लिए नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को अलग किया जाएगा और संसाधित किया जाएगा, बायो सीएनजी के रूप में उपयोग करने के लिए मीथेन गैस के उत्पादन के लिए बायोडिग्रेडेबल अंश का उपयोग किया जाएगा और पुनर्नवीनीकरण अवशेषों को प्रसंस्करण के बाद निर्माण उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाएगा।