Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 15 जुलाई 2020 – मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने ऎसी योजनाएं बनाई हैं जिससे प्रदेश के युवाओं में स्किल डवलपमेंट कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा सके और प्रदेश स्किल डवलपमेंट में सिरमौर बने। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में हमारे प्रयासों से राजस्थान आईटी आधारित गवर्नेंस में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम यह भी कोशिश कर रहे हैं कि सरकार के कार्यालयों में फाइलों का बोझ कम हो और डिजीटाइजेशन की ओर बढ़ा जाए।
श्री गहलोत बुधवार को विश्व युवा कौशल दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ’सक्षम युवा कार्यक्रम’ को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तथा आरएसएलडीसी द्वारा संचालित केन्द्रों से कौशल विकास का प्रशिक्षण लेकर रोजगार प्राप्त करने वाले युवाओं से संवाद किया और उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने ऎसे ही एक युवा श्री रमेश का स्किल एम्बेसेडर के रूप में सम्मान किया तथा प्रतीक चिन्ह और 25 हजार रूपये का चेेक सौंपा।
श्री गहलोत ने कहा कि देश पहले से ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था। अब कोरोना महामारी ने तो देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है। उद्योग-धंधे एवं रोजगार खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के हर राज्य को निवेश की आवश्यकता है ऎसे में कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्त संबंधित जिलों में अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए प्रयास करें एवं लॉकडाउन के बाद शुरू हुई आर्थिक गतिविधियों को सुचारू बनाने को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार है। समय आ गया है कि हम सभी कौशल विकास के महत्व को पहचानें, प्रशिक्षण केन्द्र खोलें ताकि अधिक से अधिक युवाओं को कौशल विकास से जोड़ सकें। हमारा प्रयास है कि कौशल विकास के साथ-साथ युवाओं में उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आरएसएलडीसी, स्किल डवलपमेन्ट यूनिवर्सिटी एवं आईटीआई के माध्यम से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय प्रदेश में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के रूप में पौधा रोपा था जो आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विकास विभाग के विजन डॉक्यूमेंट तथा रोजगार संदेश का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर कौशल नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना के तहत प्रदेश के कॉलेजाें में पढ़ने वाले युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि राज कौशल पोर्टल पर करीब 53 लाख कामगारों और 11 लाख नियोक्ताओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। श्री चांदना ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश को प्रोत्साहन देेने के उद्देश्य से वन स्टॉप सोल्यूशन प्रणाली का जो फैसला लिया है उससे नये उद्योगों चको आसानी क्लियरेंस मिलने में होगी और पर््रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा कि हमें युवाओं की कौशल प्रतिभा को पहचानने की जरूरत है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलें। इसके लिए राज कौशल पोर्टल मददगार साबित होगा इससे रोजगार की तलाश कर रहे युवा और नियोक्ताओं को एक मंच मिलेगा।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में आरएसएलडीसी के माध्यम से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने आने वाले वषोर्ं के लिए भी भरपूर बजट उपलब्ध कराया है।
इससे पहले कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रम, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के सचिव श्री नीरज के पवन ने मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना, रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित अन्य योजनाओं एवं विभाग की आगे की कार्य योजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्त ने स्किल आईकन एवं स्किल एेंबेसेडर युवाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री परिषद के सदस्य, विधायक भी मौजूद थे। मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य भी मुख्यमंत्री कार्यालय से वीसी से जुड़े रहे।