Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 22 जुलाई 2020 – नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पुनरावर्ती भुगतान के लिए यूपीआई ऑटो-पे की सुविधा को लॉन्च करने का आज एलान किया। यूपीआई 2.0 के तहत पेश की गई इस नई सुविधा के साथ, ग्राहक अब 2000 रुपए तक के मोबाइल भुगतान, बिजली बिल, ईएमआई भुगतान, मनोरंजन/ओटीटी सब्सक्रिप्शन, बीमा, म्यूचुअल फंड और ऋण भुगतान, आवागमन/मेट्रो जैसे पुनरावर्ती भुगतानों के लिए किसी भी यूपीआई एप्लिकेशन का उपयोग करके ई-मेंडेट को सक्षम कर सकते हैं। यदि भुगतान 2000 रुपए से अधिक है, तो ग्राहकों को हर मेंडेट यूपीआई पिन के साथ निष्पादित करना होगा।
किसी भी यूपीआई-सक्षम एप्लिकेशन में एक ’मैंडेट’ सैक्शन भी होगा, जिसके माध्यम से ग्राहक ऑटो डेबिट मेंडेट तय कर सकते हैं, उसे अनुमोदित कर सकते हैं, संशोधित कर सकते हैं, रोक सकते हैं या उसे रद्द कर सकते हैं। ’मैंडेट’ सैक्शन ग्राहकों को उनके संदर्भ और रिकॉर्ड के लिए अपने पिछले ’मैंडेट’ को देखने की अनुमति देगा। यूपीआई उपयोगकर्ता यूपीआई आईडी, क्यूआर स्कैन या इंटेंट के माध्यम से ई-मेंडेट बना सकते हैं। पुनरावर्ती भुगतान पर ग्राहकों के खर्च को ध्यान में रखते हुए ऑटो डेबिट मेंडेट का पैटर्न बनाया गया है। मेंडेट एक बार के लिए, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, द्वि-मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक रूप से निर्धारित किए जा सकते हैं।
उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों दोनों को इस सुविधा से काफी लाभ हो सकता है, क्योंकि मेंडेट तुरंत जनरेट होता है और भुगतान अधिकृत तिथि पर स्वचालित रूप से काट लिया जाता है। ग्राहकों को एक बार के लिए यूपीआई पिन के माध्यम से अपने खाते को प्रमाणित करना होगा और बाद में मासिक भुगतान अपने आप डेबिट हो जाएंगे।
यूपीआई आॅटो-पे के साथ पहले ही जुड़ चुके कुछ बैंक, व्यापारी और एग्रीगेटर इस प्रकार हैं – एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, ऑटोपे-दिल्ली मेट्रो, ऑटोपे- डिश टीवी, सीएएमएस पे, फुरलेंको, ग्रोफिटर, पॉलिसी बाजार, टेस्टबुक डॉट कॉम, द हिंदू, टाइम्स प्राइम, पेटीएम, पेयू, रेजरपे। जियो पेमेंट्स बैंक, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया और येस बैंक भी यूपीआई आॅटो-पे के साथ जल्द ही जुड़ जाएंगे।
इंफोसिस लिमिटेड के चेयरमैन और को-फाउंडर नंदन नीलेकणि ने कहा, ‘‘यूपीआई ग्राहकों के लिए दिन-प्रतिदिन का एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन है और इस तरह यह डिजिटल इंडिया के लिए मेरूदंड का काम करता है। यूपीआई प्लेटफाॅर्म पर यूपीआई आॅटो-पे को प्रस्तुत करना डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में निरंतर होने वाले नए प्रयोगों का ही एक और प्रमाण है। देश में डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा देने के बारे में आरबीआई समिति की प्रमुख सिफारिशों में से एक यह सिफारिश भी थी, जिसकी मैंने अध्यक्षता की। डिजिटल पेमेंट के ईकोसिस्टम में यूपीआई ऑटो-पे जैसी सुविधा का शुरू होना अपने आप में गर्व का एक क्षण है, क्योंकि यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।‘‘
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘हम इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यूपीआई ऑटो-पे सुविधा के लॉन्च के साक्षी बनकर खुशी का अनुभव कर रहे हैं। हमारा मानना है कि यह अनूठी सुविधा ग्राहकों को अपने पुनरावर्ती बिल भुगतान को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी और उन बिलों को मैन्युअल रूप से भुगतान करने से उन्हें छुटकारा मिलेगा। यह देखना बहुत अच्छा है कि ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने की दिशा में बैंक और डिजिटल भुगतान पेमेंट साॅल्यूशन सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा में आसानी को ध्यान में रखते हुए आने वाले वर्षों में विभिन्न नवीन डिजिटल भुगतान समाधान सामने आएंगे।‘‘
एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप अस्बे ने कहा, ‘‘यूपीआई ऑटो-पे को लॉन्च करना डिजिटलीकरण की दिशा में देश की यात्रा में एक कदम आगे बढ़ाने के समान है। जिस तरह से ग्राहक पिछले कुछ वर्षों में पुनरावर्ती भुगतान कर रहे हैं, उसमें बहुत से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। यूपीआई ऑटो-पे की पेशकश आवर्ती भुगतान करते समय लाखों यूपीआई उपयोगकर्ता को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करेगी। हमारा मानना है कि इस सुविधा से न केवल ग्राहकों को लाभ होगा, बल्कि सभी नए पुनरावर्ती भुगतान अनुभव वाले व्यापारी भी लाभान्वित होंगे। हम विशेष रूप से पी2एम भुगतान क्षेत्र में यूपीआई की उपस्थिति का विस्तार करके नई उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीद करते हैं।‘‘
ऐसे दौर में जबकि आरबीआई लगातार ग्राहकों को डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, यूपीआई ऑटो-पे को लॉन्च करना ग्राहकों को यूपीआई के साथ जुड़ने के लिए आकर्षित करेगा और डिजिटल भुगतान में एक नए युग का गवाह बनेगा। यूपीआई 2.0 में ओवरड्राफ्ट सुविधा, एक बार का मेंडेट, इनबॉक्स में चालान और हस्ताक्षरित इंटेंट तथा क्यूआर और विदेशी आवक प्रेषण जैसी सुविधाएँ ग्राहकों को प्रदान की जाती हैं।