Edit-Rashmi Sharma
नई दिल्ली 9 सितम्बर 2020 – महिलाओं को स्वतन्त्र एवं सुरक्षित राइडर बनाने के प्रयास जारी रखते हुए होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लिमिटेड ने उत्तरी एवं पूर्वी भारत के 7 और शहरों में खासतौर पर महिलाओं के लिए अपने डिजिटल सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान- ‘होण्डा रोड सेफ्टी ई-गुरूकुल’ का आयोजन किया।
होण्डा की अनूठी ड्रीम राइडिंग पहल के तहत आयोजित ‘होण्डा रोड सेफ्टी ई-गुरूकुल’ ने दिल्ली, जयपुर, चण्डीगढ़, लुधियाना, करनाल, भुवनेश्वर और कटक में 1घण्टे के तीन लर्निंग प्रोग्रामों के माध्यम से 340 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया, जिनमें कामकाजी महिलाएं, गृहिणियां, स्कूल और काॅलेज की युवा छात्राएं, अध्यापक और स्टाफ शामिल थे।
पूर्व (रांची, भुवनेश्वर, कटक, मुजफ्फरपुर) से लेकर पश्चिम (गुजरात, नासिक, ठाणे, पुणे) तक; उत्तर (कोटा, जयपुर, ऊना, चण्डीगढ़) से लेकर दक्षिण (कोयम्बटूर, मैसूर, विजयवाड़ा, त्रिची) तक होण्डा के सड़क सुरक्षा इंस्ट्रक्टर्स मात्र 4 महीनों में देश के 30़ शहरों में तकरीबन 8000 महिलाओं को सशक्त बना चुके हैं।
इस पहल के बारे में बात करते हुए श्री प्रभु नागराज, सीनियर वाईस प्रेज़ीडेन्ट- ब्राण्ड एण्ड कम्युनिकेशन्स, होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लिमिटेड ने कहा, ‘‘ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को सशक्त दोपहिया राइडर बनाने के प्रयास में होण्डा ने अपनी अनूठी पहल ड्रीम राइडिंग की शुरूआत की थी। इसी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए खासतौर पर महिलाओं के लिए होण्डा का डिजिटल सड़क सुरक्षा जागरुकता प्रशिक्षण उन्हें आश्वस्त एवं सुरक्षित भावी राइडर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है। कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण दौर में, हम ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को डिजिटल माध्यमों के ज़रिए सुरक्षित राइडिंग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
सत्र को रोचक और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए होण्डा के रोड सेफ्टी इन्स्ट्रक्टर्स ने सड़क सुरक्षा लर्निंग प्रोग्राम के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरुकता को बढ़ावा दिया। 1 घण्टे तक चले वीडियो सत्र के दौरान थ्योरी, वीडियोज़ एवं केस स्टडीज़ के माध्यम से सड़क सुरक्षा से संबंधित निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया गयाः
1. टैªफिक लाईट और सिगनल को समझना (रूकें, आगे बढ़ें, बायां मोड़, दायां मोड़, सीधे जाएं और धीमे चलें)
2. सड़क सुरक्षा के नियम, संकेत एवं चिन्ह (अनिवार्य, सावधानी, सूचनात्मक संकेतः पीली, सफेद और दोहरी लाईन)
3. सड़क दुर्घटना के दौरान चोट से बचने के लिए ऐहतियाती उपाय (वाहन चलाने/ पोस्चर का सही तरीका, सीटबेल्ट या हेलमेट एवं राइडिंग के दौरान अन्य गियर्स का उपयोग)
4. सड़क पर उचित व्यवहार (अपनी लेन में रहें, साइकल चलाते समय बाइसाइकल टैªक का और पैदल चलते समय फुटपाथ का प्रयोग करें)
5. ओवरटेकिंग, मोड, इंटरसैक्शन, राउण्ड-अबाउट पर विशेष सावधानी रखें।
6. राईड/ड्राइव पर निकलने से पहले वाहन की जांच करें, वाहन के रखरखाव पर ध्यान दें।
हर सत्र के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन भी हुआ, जिसमें विभिन्न विषयों पर सवालों के समाधान किए गए।
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए होण्डा के काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयास
समाज के प्रति ज़िम्मेदार काॅर्पोरेट होने के नाते, होण्डा सड़क सुरक्षा जागरुकता में सक्रियता से योगदान दे रही है और अपने 14 टैªफिक पार्कों (दिल्ली ’ 2, जयपुर, चण्डीगढ़, भुवनेश्वर, कटक, येओला, हैदराबाद, चेन्नई, लुधियाना, कोयम्बटूर, त्रिची, करनाल और ठाणे) के माध्यम से देश भर में 36 लाख भारतीयों को सड़क सुरक्षा पर जागरुक बना चुकी है। होण्डा अपने 4 टैªफिक पार्कों (करनाल, भुवनेश्वर, त्रिची और कोयम्बटूर) तथा 4 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों (रांची, कोझीकोडे, विजयवाड़ा और ऊना) में लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है, इसके अलावा होण्डा स्कूलों, काॅलेजों, काॅर्पोरेटस एवं सोसाइटियों में नियमित गतिविधियों का आयोजन करती रहती है।
मई 2020 में होण्डा रोड सेफ्टी ई-गुरूकुल की शुरूआत के बाद से होण्डा 20 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के 71 शहरों में 42,000 से अधिक लोगों को डिजिटल तरीकों से सड़क सुरक्षा पर जागरुक बना चुकी है। सिविल सोसाइटी के सहयोग से होण्डा यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि भारतीय लोग सड़कों पर सुरक्षित रहें क्योंकि आने वाले समय में भारत लगातार अनलाॅक की ओर बढ़ रहा है।