Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 09 सितम्बर 2020 भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कुपोषण मुक्त भारत अभियान में वेदांता समूह अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। जिसके तहत् वेदांता के सामाजिक सरोकार की प्रमुख नंदघर परियोजना द्वारा छोटे बच्चांे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाव के लिए पोषण माह में अपनी सहभागिता दे रहा है। नंद घर ने राजस्थान, यूपी, झारखंड और ओडिशा में पोषण-संवर्धन गतिविधियों में भाग लेने के लिए सरकार के साथ इसकी पहल की है। कुपोषण से बचाव की दृष्टि से जनजागरूकता एवं आंदोलन के रूप में इसे पोषण माह के रूप आयोजित किया जा रहा है।
राजस्थान सरकार के प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय डॉ. केके पाठक ने कहा कि कुपोषण से बचाव के लिए पोषण माह सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जिसमें सहभागिता के लिए वेदांता की नंदघर परियोजना द्वारा अनुकरणीय पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि नंदघरों द्वारा पोषण माह का आयोजन, कुपोषण से मुक्त वातावरण बनाने, पोषक तत्व सुलभ कराने और जागरूकता के लिए प्रमुख भूमिका निभा रहा है। वेदांता एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की यह पहल कुपोषण मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने के लक्ष्य को पुरा करने में महत्वपूर्ण कडी साबित होगें।
नंदघर परियोजना की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋतु झिंगोन ने कहा कि वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल का लक्ष्य है कि भारत मंे कोई भी बच्चा कुपोषित ना रहे। इसी उद्धेश्य के साथ वेदांता के नंद घर सरकार के साथ साझेदारी में पोषण माह मना रहे हैं। इस पहल से देश भर के बच्चों में कुपोषण को दूर करने के हमारे संकल्प को बल मिलेगा।
नंदघरों में अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चांे की नियमित निगरानी के लिए उनके वजन और वृद्धि की जानकारी रखी जा रही है साथ ही पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने के लिए पोषण वाटिका भी विकसित की जा रही है। पिछले एक सप्ताह के दौरान, नंद घरों द्वारा पोषण माह से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के तहत् पोषण माह के शुभारंभ , पोषण रैलियों, पोषण वाटिकाओं में पौध रोपण और जागरूकता सत्र राजकीय विभाग एवं स्थानीय समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर आयोजित किए गए है।
2015 में नंद घर की शुरूआत 13.7 लाख आंगनवाड़ियों 8.5 करोड़ बच्चों और में 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने की दृष्टि से शुरू हुई थी। नंदघर वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मॉडल आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क है जहाँ बच्चों, महिलाओं और स्थानीय समुदायों के समावेशी विकास पर बल दिया जाता है। नंद घर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किए गए हैं।
नंद घर नंद प्रधानमंत्री के बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा प्रदान करने, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले माह वाराणासी के काशी विद्यापीठ ब्लाॅक का सुरही गांव में वेदांता के नंदघर की शुरूआत मील का पत्थर है। यह परियोजना 7 राज्यों – राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में संचालित की जा रही है। इस परियोजना का लक्ष्य 4 करोड़ समुदाय के सदस्यों के जीवन को लाभान्वित के साथ ही लगभग 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं को वार्षिक आधार पर लाभ पहुंचाना है।
वेदांता आस पास के समुदायों और राष्ट्र हित में पुनर्निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। समूह की प्रमुख सीएसआर परियोजना, नंद घर, मॉडल आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क है, जहां पर बुनियादी स्तर पर महिलाओं और बच्चों के समावेशी विकास पर जोर दिया जाता है। सीएसआर पहल के तहत् प्रमुख कार्यक्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, सतत आजीविका, कौशल, खेल और संस्कृति और कर्मचारी स्वयंसेवा पर विशेष रूप से केंद्रित है । वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की एक परोपकारी पहल वेदांत फाउंडेशन, वंचितों को रोजगारपरक बनाने के लिए कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर केंद्रित है। स्वास्थ्य सेवा की एक प्रमुख विशेषता सीएसआर परियोजना बालको मेडिकल सेंटर है, जो नया रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित एक 200 बेड का अत्याधुनिक कैंसर केयर अस्पताल है। वेदांता स्पोर्ट्स के उदयपुर और गोवा में स्थित दो फुटबॉल अकादमियां हैं जो स्थानीय फुटबॉल प्रतिभाओं को अवसर प्रदान कर बढ़ावा देती हैं साथ ही एक महिला फुटबॉल लीग भी है।