Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 17 सितम्बर 2020 – संयुक्त अभिभावक समिति ने बुधवार को शहर के सबसे बड़े मार्किट जौहरी बाजार में दुकान दर दुकान जाकर भीख मांगी, इस दौरान समिति के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में अभिभावक जुटे और स्कूल फीस जमा करवाने को लेकर दुकानदरों और व्यापारियों से भीख मांगी।
समिति प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि अभिभावक कोरोना महामारी से अत्यधिक प्रभावित हुआ है अभिभावकों के ना व्यापार बचे ना रोजगार बचे, अभिभावक बेरोजगार घूम रहा है ठोकरे खा रहा है, अपनी पीड़ा को पहले स्कूल को गुहार लगाई, फिर सरकार को गुहार लगाई लेकिन कोई अभिभावकों पर ध्यान देने और उनकी पीड़ाओं को समझने को तैयार नही है। सरकार की हठधर्मिता के चलते आज अभिभावकों को फीस जमा करवाने के लिए भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ गया। अगर सरकार अभिभावकों को राहत नही देती है तो अभिभावकों प्रतिदिन भीख मांगकर स्कूलों के लिए पैसा इकठ्ठा करना पड़ेगा।
कोषाध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि बुधवार को समिति के प्रवक्ता ईशान शर्मा, अरविंद अग्रवाल, मनोज शर्मा, मनमोहन सिंह, अमृता सक्सेना, दौलत शर्मा, सर्वेश मिश्रा, चंद्रमोहन गुप्ता, हरिदत्त शर्मा, युवराज हसीजा, आशीष अग्रवाल, विकास अग्रवाल सहित 100 से अधिक अभिभावक जुटे और हाथों में मिट्टी का पयाला लेकर दुकान दर दुकान जाकर ” दे दाता के नाम तुझको अल्ला रखे, सरकार सो रही है जनता रो रही है, ना सुन रही है ना स्कूल सुन रहे है, अभिभावकों को दे दो भीख स्कूल फीस जमा करवानी ” जैसे नारों के साथ भीख मांगी।
प्रवक्ता अरविंद अग्रवाल ने अभिभावकों को एक मात्र आशा राजस्थान हाईकोर्ट से लगी हुई थी किंतु माननीय हाईकोर्ट ने अभिभावकों का पक्ष सुने बगैर अपना फैसला अभिभावकों पर लाद दिया। पहले तो निजी स्कूलों ने चोरी चुपके हाईकोर्ट में रिट लगाई, जब समिति को इसकी जानकारी लगी उस दिन फैसला आना था किंतु समिति की मुस्तेदी के चलते 2 सितंबर को पक्षकार बनने की अर्जी लगाई गई और 4 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर कर 7 सितंबर को 30 फीसदी फीस रोककर 70 फीसदी ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश दे दिए। अब जब आदेश दे दिए गए तो स्कूल संचालक हाईकोर्ट के निर्णय की धज्जियां उठाते हुए पहले स्कूल फीस में 15 से 30 फीसदी की व्रद्धि कर रहे है उसके बाद फूल फीस में से 30 फीसदी काटकर फीस जमा करवाने के साथ साथ जनवरी तक कि फीस जमा करवाने की हठधर्मिता दिखा रहे है। स्कूल और सरकार की अगर इसी तरह मनमानी चलती रही तो संयुक्त अभिभावक समिति आगे और भी उग्र आंदोलन करेगी क्योकि अभिभावक पीड़ित है प्रताड़ित है।