ओखाई ने भारत के सभी ग्रामीण कारीगरों के लिए शुरू की हेल्पलाइन अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर नयी पहल का शुभारंभ

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 16 अक्टूबर 2020 :  टाटा केमिकल्स सोसायटी फॉर रूरल डेवलपमेंट (टीसीएसआरडी) ने ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहन देकर सक्षम बनाने के लिए स्थापन किए गए ओखाई ने कारीगरों के लिए एक विशेष हेल्पलाइन शुरू की है। भारत के दूरवर्ती गावों के कारीगर भी इस हेल्पलाइन के लाभ उठा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के उपलक्ष्य में ओखाई ने यह अनूठी और बहुत ही उपयुक्त पहल शुरू की है। कोविड-19 विपदा का सामना करने का साहस ग्रामीण महिलाओं में निर्माण करना यह इस वर्ष की संकल्पना है, यह पहल उसी के अनुरूप है। ग्रामीण महिलाओं के जीवन संघर्ष, उनकी ज़रूरतें और हमारे समाज में उनके स्थान के बारे में जागरूकता निर्माण करना इस पहल का उद्देश्य है।

 कोविड-19 ने पूरी दुनिया में कहर मचाया है। हाथों से उत्पाद बनाकर रिटेल दुकानों को आपूर्ति करने वाले भारतीय ग्रामीण कारीगरों का रोजगार इस वैश्विक महामारी के दौरान ठप हो चूका है।  कई आकर्षक, कलात्मक कपड़ें, सजावट के उत्पाद और एक्सेसरीज बनाने के पारंपरिक कौशल जिन हाथों में हैं उन्हें इस विपदा की घड़ी में मदद मिल सकें, उनके लिए रोज़गार के अवसर निर्माण हो सकें इसके लिए यह हेल्पलाइन शुरू कर दी गयी है। हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके भारत के विभिन्न हिस्सों से कारीगर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। कारीगरों के उत्पाद, उनका भौगोलिक क्षेत्र और उनके समूह के अन्य कारीगरों के नंबर यह सभी जानकारी वे इस हेल्पलाइन पर दे सकते हैं। इससे कारीगरों को नए मार्केट्स तक पहुंचने में आसानी होगी, वे अपने विचार, अपनी कला और उत्पाद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ले जा सकते हैं।

 ओखाई की प्रमुख सुश्री कीर्ति पूनिया ने बताया, “कृषि के बाद हस्तकला हमारे देश का दूसरा सबसे बड़ा आमदनी दिलाने वाला उद्यम क्षेत्र है। लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इस क्षेत्र को बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है। इन चुनौतियों का सामना कर पाने के लिए उपाय किए जाए और सभी प्रकार की कलाओं के कारीगरों के हित की रक्षा हो सकें यह ओखाई की इच्छा है और इसीलिए हमने इस हेल्पलाइन की शुरूआत की है। 6359 021 888 यह हेल्पलाइन नंबर व्हाट्सएप पर भी रजिस्टर किया गया है, जिससे कारीगरों को संपर्क करने में और भी आसानी होगी। वैश्विक महामारी के दौरान भी ओखाई का बड़े पैमाने पर प्रसार हुआ।  मार्च में हमारे कारीगरों की संख्या 2300 थी, जो अक्टूबर महीने में 16000 तक बढ़ी।  अब इस हेल्पलाइन से देश के दूरवर्ती इलाकों के कारीगरों की मदद करना भी हमारे लिए संभव होगा।”

 भारत के आदिवासी और ग्रामीण कारीगरों तक पहुंचना, उन्हें स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना ओखाई  का उद्देश्य है। उनकी समस्याओं को जान कर, उनकी मदद करने का काम क्रिएटिव डिग्निटी ग्रुप के स्वयंसेवकों के सहयोग से किया जाएगा। यह ग्रुप महामारी के दौरान हस्तकला क्षेत्र की मदद के लिए काम कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में स्थानिक कारीगरों के साथ काम कर रहे संगठन और सरकारी संस्थाओं के साथ सहयोग के प्रयास भी ओखाई द्वारा किए जाएंगे।

 प्रतिष्ठित और नामचीन ब्रांड ओखाई स्थानीय हस्तकलाओं को प्रोत्साहन देने वाले प्रवर्तक की भूमिका निभाने के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक दृष्टी से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने ने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। इस ब्रांड में पुरुषों, महिलाओं के लिए बनाए गए आकर्षक कपड़ें, घरेलु सजावट की वस्तुएं और एक्सेसरीज शामिल हैं। आइनों की कारीगरी, पैचवर्क और एम्ब्रायडरी के सुंदर और कलात्मक उपयोग से बनायी गयी सभी वस्तुएं ग्रामीण जीवन, वहां की परंपराएं और कलाकारों के आदर्शों को मनमोहक रूप में दर्शाती हैं।

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