Editor-Manish Mathur
जयपुर 28 अक्टूबर 2020 – इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट फॉर ट्रांसयूनियन (एनवाईएसईः टीआरयू) द्वारा भारत सहित एक वैश्विक स्टडी ने इस बात की प्रबल संभावना जताई है कि उपभोक्ताओं के लिए समुचित डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध करवाना व्यवसायों के लिए जरूरी हो गया है। स्टडी में सर्वे किए गए लगभग 94 फीसदी भारतीय और 85 फीसदी वैश्विक अधिकारियों ने माना कि सहज ट्रांजेक्शन व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त पाने से कहीं अधिक अब व्यापार का अस्तित्व बनाए रखने के लिहाज से आवश्यक है।
ट्रांसयूनियन भारत के वाइस प्रेसिडेंट और फ्रॉड, सॉल्यूशंस व अल्टरनेट डेटा के हेड शालीन श्रीवास्तव ने स्टडी के निष्कर्ष साझा करते हुए बताया, ‘‘वैश्विक सर्वेक्षण के 61 फीसदी उत्तरदाताओं का कहना है कि कोरोना महामारी ने नाटकीय रूप से डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ा दी है। महामारी के कारण व्यवसायों ने अपनी डिजिटल लेनदेन प्रक्रिया को बदल दिया है। अगर हम उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच डिजिटल भरोसा बनाने में आ रही बाधाओं को दूर नहीं कर पाए तो यह डिजिटल प्रगति किसी काम की नहीं रह जाएगी। उदाहरण के लिए, स्टडी में दो-तिहाई वैश्विक अधिकारियों ने कहा कि उनकी कंपनी ने महामारी के चलते हो रहे नुकसान के परिणामस्वरूप अपनी डिजिटल लेनदेन प्रक्रिया को बदला।‘‘
रिपोर्ट, ‘परिवर्तन के नए आयामः एक डिजिटल उपभोक्ता परिदृश्य में भरोसे का निर्माण’ (न्यू डायमेशंस ऑफ चेंजः बिल्डिंग ट्रस्ट इन ए डिजिटल कंज्यूमर लैंडस्केप) में भारत के 162 अधिकारियों के साथ ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, डोमिनिकन गणराज्य, हांगकांग, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, यूके और यूएस के 1,448 अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं। रिसर्च ने यह खुलासा किया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), राष्ट्रीय डिजिटल आईडी और सुपर-एप जैसी तकनीक बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकती हैं और डिजिटल भरोसे के निर्माण के लिए संभावित चुनौतियों से पार पाया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बॉयोमीट्रिक्स और नेशनल डिजिटल आईडी धोखाधड़ी निवारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
उत्तरदाताओं के बहुमत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा 1) बायोमेट्रिक्स प्रमुख भुगतान ग्राहक प्रमाणीकरण विधि होगीय 2) एआई का उपयोग धोखाधड़ी का पता लगाने और सुरक्षा में सुधार करने में बहुत लाभदायक हैय और 3) एक राष्ट्रीय डिजिटल आईडी प्रणाली उपभोक्ता धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगी।
भारत के लगभग 93 फीसदी और वैश्विक अधिकारियों के 85 फीसदी का कहना है कि अगले 10 वर्षों में भुगतान की बड़ी तादाद को प्रमाणित करने के लिए बायोमेट्रिक्स का उपयोग करने की संभावना है। भारत के लगभग 37 फीसदी और वैश्विक उत्तरदाताओं के 43 फीसदी ने नोट किया कि धोखाधड़ी का पता लगाने और सुरक्षा में सुधार के लिए एआई लाभदायक रहेगी। दुनिया भर में 29 फीसदी और भारत में 27 फीसदी ने कहा कि ग्राहक अनुभव को सहज-सरल करना बहुत जरूरी होगा। इसके अलावा, अधिकारियों का विशाल बहुमत, भारत में 95 फीसदी और वैश्विक स्तर पर 79 फीसदी को लगता है कि राष्ट्रीय डिजिटल आईडी उपभोक्ता लेनदेन में धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेंगे।
निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए शालीन ने बताया, ’धोखाधड़ी को रोकने के साथ उपभोक्ता विश्वास सुनिश्चित करना भी जरूरी पहलू है। हमारे शोध से पता चला है कि बॉयोमीट्रिक्स, एआई और राष्ट्रीय डिजिटल आईडी उपभोक्ता धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सिर्फ एक सनक नहीं हैं। वे भविष्य के लिए भरोसेमंद व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
राष्ट्रीय डिजिटल आईडी आर्थिक समावेश की कुंजी है
वैश्विक रूप से 10 अधिकारियों में से सात और भारत में 93 फीसदी का मानना है कि एक राष्ट्रीय डिजिटल आईडी कम आय वाले समूहों को उपभोक्ता सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है, जो पहले डिजिटल लेन-देन से बाहर रह गए थे। दुनिया भर में उपभोक्ता ऋण और टेलीकम्युनिकेशन उद्योगों से जुड़े उत्तरदाताओं ने कहा कि ऐसे आईडी निम्न-आय समूहों को उन सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं, जिस तक उनकी पहुंच पहले नहीं बन पा रही थी। दोनों उद्योगों ने पिछले दशक में वित्तीय रूप से कमजोर ग्राहकों के समुदाय तक पहुंच का नेतृत्व किया है, जो माइक्रोफाइनेंस और मोबाइल मनी जैसे नवाचारों में प्रकट होता है।
अधिकारियों का मानना है कि उपभोक्ता आरामदायक व्यक्तिगत डेटा साझा कर रहे हैं
लगभग 91 फीसदी भारतीय और 73 फीसदी वैश्विक अधिकारी मानते हैं कि उपभोक्ता निजी कंपनियों के साथ व्यक्तिगत डेटा साझा करने में सहज हैं। दुनिया भर में लगभग 71 फीसदी और भारत के 93 फीसदी अधिकारियों का मानना है कि उपभोक्ता सरकारों के साथ व्यक्तिगत डेटा साझा करने में सहज हैं। ब्राजील, चीनी और डोमिनिकन रिपब्लिकन के अधिकारियों के पास इस बात को लेकर अलग-अलग विचार हैं कि उपभोक्ता निजी कंपनियों बनाम सरकारी निकायों (सरकारों और कंपनियों के साथ साझा करने के बीच प्रत्येक देश में 10 फीसदी से अधिक अंतर) के साथ डेटा साझा करने के लिए तैयार हैं या नहीं। चीनी उत्तरदाताओं का मानना है कि कंपनियों की तुलना में सरकारी निकायों के साथ व्यक्तिगत डेटा साझा करने में उपभोक्ताओं अधिक सहज महसूस करते हैं। ब्राजील और डोमिनिकन रिपब्लिकन अधिकारियों की विपरीत धारणा है।
शालीन ने निष्कर्ष देते हुए कहा, ‘एआई, बायोमेट्रिक्स और राष्ट्रीय डिजिटल आईडी जैसे तकनीकी नवाचारों को डिवाइस की खुफिया जानकारी जैसे धोखाधड़ी की रोकथाम के तरीकों के साथ जोड़ा जाकर उन उपभोक्ताओं के लिए लेनदेन के लिए एक अधिक सुविधाजनक और समावेशी तरीका प्रदान किया जा सकता है जो अभी भी सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा को लेकर चिंतित है।’
ट्रांसयूनियन के बारे में
ट्रांसयूनियन एक वैश्विक सूचना और अंतर्दृष्टि कंपनी है जो आधुनिक अर्थव्यवस्था में विश्वास को संभव बनाती है। हम प्रत्येक को एक व्यापक तस्वीर प्रदान करके ऐसा करते हैं ताकि वे बाजार में मजबूती और सुरक्षित रूप से अपना प्रतिनिधित्व कर सकें। परिणामस्वरूप, व्यवसाय और उपभोक्ता विश्वास के साथ लेन-देन कर सकते हैं और बेहतर मूल्य हासिल कर सकते हैं। इस जानकारी को हम ‘इंफार्मेशन फोर गुड’ कहते हैं।
ट्रांसयूनियन ग्लोबल फ्रॉड सॉल्यूशंस उपभोक्ता और डिवाइस पहचान दोनों को एकजुट करते हैं ताकि सही यूजर्स एक्सपीरियंस को सुनिश्चित करते हुए बाजारों में जोखिम का पता लगाया जा सके। IDVision® with iovation® सुइट के साथ समाधान, उपभोक्ता लेनदेन के बारे में व्यवसायों को अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए मशीन लर्निंग के साथ पारंपरिक डेटा विज्ञान को मिला कर दिए जाते हैं। हप्रत्येक दिन लाखों लेनदेन की सुरक्षा की जाती है।
पांच महाद्वीपों में 30 से अधिक देशों में अग्रणी उपस्थिति के साथ ट्रांसयूनियन ऐसे सॉल्यूशन पेश करती है जो लाखों लोगों के लिए आर्थिक अवसर, महान अनुभव और व्यक्तिगत सशक्तिकरण की राह बनाते हैं।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के बारे में
ईआईयू द इकोनॉमिस्ट ग्रुप का नेतृत्व, अनुसंधान और विश्लेषण प्रभाग है और अधिकारियों और पेशेवरों के लिए वैश्विक बिजनेस इंटेलीजेंस में वैश्विक नेता है। हम 750 से अधिक विश्लेषकों, विशेषज्ञों और इन-कंट्री योगदानकर्ताओं के लिए नए और भविष्यगामी दृष्टिकोणों को उजागर करते हैं। 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के लिए बेस्ट-इन-क्लास इंटेलिजेंस दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए www.eiuperspectives.economist.com पर विजिट करें। हमें ट्विटर, लिंक्डइन और फेसबुक पर फॉलो करें: Twitter, LinkedIn Facebook.