Editor-Manish Mathur
जयपुर 10 नवंबर 2020 – माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा) एवं राज्य मंत्री (कौशल विकास और उद्यमिता), भारत सरकार श्री आर. के. सिंह ने कहा कि अपनी विविधीकरण संबंधी योजनाओं के साथ एनटीपीसी भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयारी कर रहा है। साथ ही, एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में एनटीपीसी ने पर्यावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कंपनी की तेजी से बढ़ती क्षमता इस प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है। श्री आर. के. सिंह आज एनटीपीसी के 46 वें स्थापना दिवस के अवसर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
स्थापना दिवस पर एनटीपीसी को बधाई देते हुए श्री सिंह ने कहा, ‘‘महामारी के दौरान एनटीपीसी ने राष्ट्र को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की और इस तरह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में किफायती विद्युत के महत्व को नए सिरे से रेखांकित किया।‘‘ उन्होंने आगे कहा, ‘‘एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और अब इसे विश्व स्तर पर सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनियों में से एक बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कंपनी लगातार सक्रिय बनी हुई है और इसी सक्रियता और दक्षता ने कंपनी को वर्षों से मजबूत बनाने में मदद की है।‘‘
विद्युत सचिव, भारत सरकार, श्री संजीव नंदन सहाय ने इस अवसर पर उत्कृष्टता से परिपूर्ण 45 साल की यात्रा के लिए एनटीपीसी को बधाई दी। श्री सहाय ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर खुशी हुई कि एनटीपीसी खुद को और मजबूत बनाने और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निवेश के साथ आगे बढ़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।‘‘ उन्होंने कृषि अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अपने बिजलीघरों में को-फायरिंग बायोमास का प्रयोग करने के लिए एनटीपीसी के प्रयासों की सराहना की। साथ ही, श्री सहाय ने भविष्य के ईंधन के रूप में हाइड्रोजन पर भी जोर दिया और जिस तरह से एनटीपीसी ने चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी की, उसके लिए भी कंपनी की प्रशंसा की।
एनटीपीसी के सीएमडी श्री गुरदीप सिंह ने इस अवसर पर कहा, ‘‘हम उन सभी लोगांे और प्रतिष्ठानों के योगदान की सराहना करते हैं, जिन्होंने 1975 से अब तक एनटीपीसी के विकास में अपनी ओर से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही, कामयाबी भरे वर्षों के लिए एनटीपीसी परिवार को भी हम बधाई देते हैं।‘‘ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस वित्तीय वर्ष में, हमने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 1784 मेगावाट क्षमता को और जोड़ा है और राष्ट्र को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है। हम 2025 तक 1 लाख मेगावाट क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं और डिस्ट्रीब्यूशन में हमारी विविधीकरण योजनाओं और अक्षय ऊर्जा के पोर्टफोलियो के विस्तार के साथ बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।‘‘
एनटीपीसी के 46 वें स्थापना दिवस के अवसर पर ही छत्तीसगढ़ में एनटीपीसी लारा की 880 मेगावाट की दूसरी इकाई के वाणिज्यिक संचालन की घोषणा भी की गई।
स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत इंजीनियरिंग ऑफिस कॉम्प्लेक्स (ईओसी), नोएडा में ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ हुई। कोविड से उपजे हालात के बीच देशभर मंे विभिन्न स्थानों से एनटीपीसी के अधिकारियों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस समारोह में भाग लिया।
स्थापना दिवस के समारोह में एनटीपीसी संयंत्रों को उत्पादकता, सुरक्षा, पर्यावरण सुधार और संरक्षण, राजभाषा, सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं, सीएसआर और सामुदायिक विकास और परियोजना प्रबंधन के क्षेत्रों में स्वर्ण शक्ति पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस बार का स्थापना दिवस इसलिए भी खास बन गया था, क्योंकि एनटीपीसी के समस्त कर्मचारियों ने राष्ट्र को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस साल की शुरुआत में लॉकडाउन चरण के दौरान चैबीसों घंटे काम किया। तथ्य यह है कि विद्युत हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और लॉकडाउन के दौरान 24×7 विद्युत उपलब्ध कराने से न सिर्फ आपातकालीन सेवाओं का संचालन सुगमतापूर्वक हो सका, बल्कि जीवन रक्षक उपकरणों के सुचारू संचालन में भी अत्यंत महत्वपूर्ण सहायता मिली। इससे एनटीपीसी पर अतिरिक्त जिम्मेदारी आ गई और कंपनी ने मांग से भी अधिक विद्युत का वितरण किया। संकट के इस दौर में एनटीपीसी के विद्युत इंजीनियरों ने देश के कोने-कोने को प्रकाशमान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और इस तरह वे नए नायकों के रूप में उभरकर सामने आए।