Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 10 नवंबर 2020 : आज एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव में एक कार्यक्रम के दौरान इंटीग्रेटेड कंटेनर ट्रैकिंग (आईसीटी) सिस्टम शुरू हुआ। एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज (एनएलडीएस) ने सप्लाई चेन में कंटेनर मूवमेंट की निकट रियल टाइम दृश्यता को शुरू करने के लिए एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव में अत्यावश्यक ढांचा पूरा कर लिया है। यह एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज (एनएलडीएस) द्वारा विकसित लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) के अंतर्गत है, जिससे पोर्ट से कंटेनर फ्रेट स्टेशंस (सीएफएस), इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) और लक्षित उपयोगकर्ताओं तक कंटेनर की ट्रैकिंग में मदद मिलेगी। इससे कंटेनर मूवमेंट की दृश्यता और एफिशियंसी भी बढ़ेगी जिससे एक्जिम ट्रेड की प्रतिस्पर्द्धी क्षमता बढ़ेगी।
एलडीबी को विकसित करने का उद्देश्य विभिन्न बंदरगाहों पर कंटेनर्स के मूवमेंट की ट्रैकिंग की समस्या दूर करना और व्यापार को अंतर्दृष्टि प्रदान करना है। इसमें सप्लाई चेन की विभिन्न एजेंसियों के पास उपलब्ध जानकारी को एकीकृत किया जायेगा और एक जगह पर विस्तृत रियल टाइम जानकारी प्रदान की जा सकेगी। इस विस्तार से, एलडीबी प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत के 100 प्रतिशत कंटेनर वॉल्यूम को कवर किया जायेगा। वर्तमान में, पूरे भारत के लगभग 28 मिलियन एक्जिम कंटेनर्स, सेवाओं का लाभ ले चुके हैं।
एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव के प्रबंध निदेशक, श्री याकब फ्रिस सोरेन्सन ने कहा, ”हमें हमारे पोर्ट पर इंटीग्रेटेड कंटेनर ट्रैकिंग सिस्टम शुरू होने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। एनआईसीडीसी के इस राष्ट्रव्यापी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना सम्मान की बात है जिससे लॉजिस्टिक्स वैल्यू चेन में कंटेनर मूवमेंट को सरल बनाया जा सकेगा और अक्षमताओं एवं बाधाओं की पहचान की जा सकेगी जिससे इस सेक्टर के विकास हेतु नीतियां बनायी जा सकें।”
श्री सोरेन्सेन ने कहा, ”पूरे सप्लाई चेन में कंटेनर्स की दृश्यता, व्यापार के लिए कई रूपों में लाभदायक है, जैसे पारदर्शिता, एकीकरण, कम कागजी कार्रवाई और अराइवल, अनलोडिंग एवं फाइनल डिलिवरी के लिए बेहतर प्लानिंग।”
भारत सरकार द्वारा एनआईसीडीसी और एनईसी कॉर्पोरेशन, जापान के बीच पृथक् स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) बनाया गया है, जिसका नाम ‘एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड‘ है, जो पूरे लॉजिस्टिक्स वैल्यू चेन में एलडीबी का क्रियान्वयन करेगी। एलडीबी, अब पूरे भारत के 17 बंदरगाहों, 26 पोर्ट टर्मिनल्स, 142 सीएफएस-आईसीडी और 58 टोटल प्लाजा, 21 एम्पटी यार्ड्स, 43 पोर्ट गेट्स/पार्किंग प्लाज़ा एवं 4 आईसीपी में चालू है।
एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव के विषय में
एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव (गुजरात पिपावाव पोर्ट लिमिटेड), कंटेनर्स, आरओ/आरओ (पैसेंजर कार्स), लिक्विड बल्क और ड्राई बल्क कार्गो के लिए भारत का एक प्रमुख प्रवेश-द्वार रूपी बंदरगाह है, जो गुजरात के ग्राहकों को सड़क एवं रेलमार्ग के जरिए भारत के भीतरी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को जोड़ता है। इसकी वर्तमान वार्षिक कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.35 मिलियन टीईयू कंटेनर्स, 250,000 पैसेंजर कार्स, 2 मिलियन मीट्रिक टन लिक्विड बल्क और 4 मिलियन मीट्रिक टन ड्राई बल्क की है। एपीएम टर्मिनल्स पिपवाव भारत का पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) बंदरगाह है और यह एपीएम टर्मिनल्स वैश्विक टर्मिनल नेटवर्क का एक घटक है।