Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 12 नवंबर 2020 : चूंकि हम होम सेफ्टी डे (जो 15 नवंबर को मनाया जाता है) मनाने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में 65% पुलिस वालों ने लॉकडाउन के पूरी तरह से हट जाने के बाद घरों में चोरी-डकैती मामले बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया है – ‘गोदरेज लॉक्स हर घर सुरक्षित रिपोर्ट 2020: भारत के पुलिस बल की सुरक्षा अंतर्दृष्टि’ में इसका खुलासा हुआ है। कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई बेरोजगारी को इसका एक कारण माना जा रहा है। छोटी-मोटी चोरी, वाहन चोरी और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सेंध के जैसे मामले पहले से ही पुलिस के संज्ञान में आ रहे हैं। इनकॉग्निटो इनसाइट्स द्वारा यह शोध कराया गया और गोदरेज लॉक्स की देशव्यापी जनजागरूकता पहल, हर घर सुरक्षित के अंतर्गत इसे जारी किया गया, ताकि लोगों को घर की सुरक्षा को लेकर सजग किया जा सके।
गोदरेज लॉक्स की इस रिपोर्ट में बतायाग या है कि 71% पुलिसकर्मी इस बात से सहमत हैं कि लोग घर की सुरक्षा को लेकर तब तक गंभीर नहीं होते हैं, जब तक उनके साथ चोरी या सेंधमारी जैसी कोई घटना नहीं घटती है। जबकि 64% पुलिसकर्मियों ने इस बात पर जोर दिया कि लोग सुरक्षा से जुड़े एहतियात नहीं बरतते हैं, जिससे घरों में सेंधमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, 68% पुलिसकर्मियों ने पाया कि लोग अपने घर की सुरक्षा को लेकर पड़ोसियों/चौकीदार/घरेलू सहायकों पर निर्भर होते हैं। यह इस बात को रेखांकित करता है कि किस तरह से लोग अपनी सुरक्षा की जिम्मेवारी सक्रियतापूर्वक स्वयं न संभालकर अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
इस डिजिटल युग में जहां तकनीक हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी है, 85% पुलिसकर्मियों ने महसूस किया कि घर की सुरक्षा से जुड़े तकनीकी समाधानों को लेकर जनजागरूकता पैदा किये जाने की सख्त आवश्यकता है। दिलचस्प बात यह है कि 65% पुलिसकर्मियों ने महसूस किया कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस के प्रति लोगों की धारणा बेहतर हुई।
शोध रिपोर्ट के बारे में प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए, गोदरेज लॉक्स के कार्यकारी वाइस-प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, श्याम मोटवानी ने बताया, ”हर घर सुरक्षित रिपोर्ट, घर की सुरक्षा के बारे में चौंकाने वाला खुलासा करती है, जो हमारे भरोसेमंद सुरक्षा संरक्षक, अर्थात पुलिस की राय पर आधारित है। महामारी और उसके चलते किये गये लॉकडाउन के बाद घरों में चोरी और सेंध के मामलों में 65 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान के साथ इस वर्ष सुरक्षा और अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है। चूंकि हम होम सेफ्टी डे मना रहे हैं और इस वर्ष हर घर सुरक्षित की दूसरी वर्षगांठ है, ऐसे में हम अधिकारियों और नागरिकों दोनों से सामूहिक आह्वान करते हैं कि वो घरों की सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय अपनायें। 85% पुलिसकर्मियों ने घर की सुरक्षा से जुड़े समाधानों को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने की सिफारिश की। गोदरेज लॉक्स, हर घर सुरक्षित अभियान के जरिए लोगों में सुरक्षा की सोच बढ़ाने हेतु अपने प्रयासों पर जोर देगा।”
गोदरेज लॉक्स की हर घर सुरक्षित रिपोर्ट 2020 तैयार करने में देश भर के पुलिस अधिकारियों की राय ली गयी। इसमें घर की सुरक्षा के प्रति लोगों की सोच को जानने के लिए उनके विचार लिये गये और अपराध स्तरों पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में उनकी राय जानी गयी। आगे इस रिपोर्ट में भारतीय घरों की असुरक्षा को रेखांकित किया गया है, और इसमें बताया गया है कि स्वतंत्र घर और अपार्टमेंट्स को डकैतियों का अधिक खतरा होता है। रात्रि और मध्य-रात्रि के समय सेंधमारी की घटनाएं अधिक हुईं।
घर सुरक्षा समाधानों के बारे में बताते हुए, 64% पुलिसकर्मियों ने तालों को सबसे जरूरी बताया। हालांकि, अधिकांश लोग अपने घरों के लिए अपने लॉकिंग सिस्टम्स को बदलते नहीं हैं या अपग्रेड नहीं करते हैं।
15 नवंबर को होम सेफ्टी डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को उनके घरों की सुरक्षा को लेकर अधिक सजग बनाना है। गोदरेज लॉक्स ने 120 वर्षों से घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की है। इस अवसर पर और अपने हर घर सुरक्षित पहल की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर, गोदरेज लॉक्स द्वारा सोशल मीडिया पर हफ्ते भर के लिए श्रृंखलाबद्ध चर्चाएं आयोजित की जायेंगी, जिसमें अपराध, कानून, होम डिजाइनिंग एवं आर्किटेक्चर आदि जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने विचार प्रकट करेंगे। ये विशेषज्ञ अपनी राय साझा करेंगे और भारतीय घरों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के इस अभियान में शामिल होंगे। इन चर्चाओं में अपराधियों के मनोविज्ञान, अभिप्रेरणाओं को समझने और उन तरीकों को जानने के बारे में जोर दिया जायेगा जिनसे लोग स्वयं सुरक्षित रख सकते हैं और अपने घरों को डिजाइन कर सकते हैं।