Editor-Manish Mathur
जयपुर 17 नवंबर 2020 : बीएसई पर सूचीबद्ध नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड, जो दूसरे एवं तीसरे स्तर के शहरों में लघु और छोटे उद्यमों को छोटे ऋण उपलब्ध कराती है, ने आज अजमेर के केकड़ी में अपनी एक नई शाखा खोली है। मनीबॉक्स फाइनैंस की अब राजस्थान में कुल 7 शाखाएं हैं और वह दिसम्बर तक राजस्थान के सीकर में एक और शाखा खोलेगी। अभी हाल ही में कंपनी ने माहवा में भी शाखा स्थापित की है।
साथ ही दिसम्बर तक कुल 7 और शाखाएं- हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश में स्थापित करेगी।
कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष में तकरीबन 85 करोड़ रु के ऋण वितरण का लक्ष्य तय किया है, जो 2019-20 की तुलना में 2.5 गुना अधिक है।
मनीबॉक्स जिसने 2019 में अपना संचालन शुरू किया, वर्तमान में चार राज्यों- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में फैला है। अक्टूबर से दिसम्बर की तिमाही के दौरान यह चार राज्यों में 11 नई शाखाएं खोलेगी, इसके साथ कंपनी की कुल शाखाओं की संख्या 22 तक पहुंच जाएगी।
एनबीएफसी 100 कर्मचारियों की भर्ती भी करेगी, जिन्हें नई शाखाओं में नियुक्त किया जाएगा। वर्तमान में इसके तकरीबन 110 कर्मचारी हैं।
भावी योजनाओं के बारे में बात करते हुए श्री मयूर मोदी, को-सीईओ, मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड ने कहा, ‘‘सभी एबीएफसी में एमबीएफएल की संग्रहण क्षमता सबसे अधिक है, जिसने सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए मोरेटोरियम एवं लॉकडाउन के बावजूद मार्च-अगस्त 2020 में 95 फीसदी संग्रह किया। जुलाई और अगस्त में संग्रहण क्षमता 98 फीसदी रही जबकि सितम्बर में यह 99 फीसदी को पार कर गई। एनबीएफसी ने मोरेटोरियम (अधिस्थगन) अवधि के दौरान अपने ऋणदाताओं से कोई मोरेटोरियम नहीं लिया।’
‘मजबूत वित्तीय स्थिति को देखते हुए, हमारा मानना है कि यह हमारे लिए विस्तार के लिए उचित समय है। चालू वित्तीय वर्ष में हमने अपनी लोन बुक को दोगुना करने, शाखाओं के नेटवर्क को दोगुना करने तथा अपने कर्मचारियों की संख्या को भी दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। इसी उद्देश्य के साथ हमने पिछले 3 महीनों में 100 ऑफर लैटर जारी किए हैं, इनमें से कुछ ऑफरलैटर उन लोगों को भेजे गए हैं, जिनकी नौकरियां कोविड के दौरान चली गई थीं। इस तरह समाज कल्याण में अपनी ओर से यथासंभव योगदान देकर हमें संतोष का अनुभव हो रहा है।’मयूर ने कहा।
मयूर मोदी ने बताया कि एनबीएफसी ने चालू वित्तीय वर्ष में अपनी लोन बुक को दोगुना कर रु 80-85 करोड़ तक पहुंचान का लक्ष्य तय किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष 20) के अंत में इसकी कुल ऋण बकाया राशि रु 34 करोड़ थी।
अगले 3 सालों में प्रबंधन के तहत रु 1000 करोड़ की सम्पत्ति का लक्ष्य तय किया