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एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव ने व्‍यापार को आसान बनाने के लिए जोरदार कोशिश की

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 19 नवंबर 2020  – एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव, निर्यातकों के लिए कंटेनर्स की भारी कमी के चलते व्‍यापार में आये असंतुलन के बीच व्‍यापार को आसान बनाने एवं अर्थव्‍यवस्‍था को नयी गति देने हेतु प्रयास कर रहा है। बंदरगाह ने खाली कंटेनर्स के लिए टर्मिनल हैंडलिंग चार्जेज को 25 प्रतिशत घटा दिया है, ताकि आयात में भारी कमी के चलते खाली कंटेनर्स के अभाव का विपरीत प्रभाव झेल रहे निर्यातकों को सक्षम बनाया जा सके। टैरिफ पर हैंडलिंग चार्जेज में की गयी यह कमी 16 नवंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच सेल करने वाली वेसल्‍स के लिए प्रभावी है।

 वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय से प्राप्‍त आंकड़े के अनुसार, अप्रैल-अक्‍टूबर 2020 के दौरान भारत का निर्यात 19 प्रतिशत घटकर 150.14 बिलियन डॉलर हो गया; जबकि आयात 36.3 प्रतिशत घटकर 182.29 बिलियन डॉलर हो गया। देश को आयात के लिए कंटेनर्स की कमी का सामना करना पड़ा, चूंकि सामान्‍य तौर पर, आयातित सामानों वाले कंटेनर्स में सामान भरकर फिर उन्‍हें निर्यात कर दिया जाता है। हालांकि, आयात में भारी कमी के चलते, शिपिंग कंपनियों ने क्षमता में कटौती कर दी थी, जिससे संबंधित परिवहन प्रणालियों जैसे ट्रक्‍स एवं कंटेनर्स की उपलब्‍धता प्रभावित हुई। इससे खाली कंटेनर्स की कमी पैदा हो गयी, जिसका विपरीत प्रभाव निर्यातकों पर पड़ा है, क्‍योंकि पहले जहां अधिक 4-5 दिनों में कंटेनर मिल जाते थे, वहीं अब कंटेनर्स के लिए दो-तीन हफ्ते का समय लग रहा है।

एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव के प्रबंध निदेशक, श्री जैकॅब सोरेनसेन ने कहा, ”कंटेनर्स की कमी के चलते विपरीत रूप से प्रभावित व्‍यापार चक्र को देखते हुए, हमने खाली कंटेनर्स के हैंडलिंग चार्जेज को कम करके व्‍यापार में सहायता करने का निर्णय लिया। मुझे उम्‍मीद है कि इससे निर्यातकों को खाली कंटेनर्स हासिल करने में मदद मिलेगी और प्रतीक्षा अवधि घटेगी और इस प्रकार, कंटेनर की कमी की समस्‍या दूर की जा सकेगी।

श्री सोरेनसेन ने कहा, ”घरेलू व्‍यापार में सुधार के साथ, हमें विश्‍वास है कि अगले कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार में भी तेजी आयेगी, जिससे बंदरगाह पर ट्रैफिक कम किया जा सकेगा और संपूर्ण रूप से व्‍यापार में वृद्धि होगी।

एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव के विषय में

एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव (गुजरात पिपावाव पोर्ट लिमिटेड), कंटेनर्स, आरओ/आरओ (पैसेंजर कार्स), लिक्विड बल्क और ड्राई बल्क कार्गो के लिए भारत का एक प्रमुख प्रवेश-द्वार रूपी बंदरगाह है, जो गुजरात के ग्राहकों को सड़क एवं रेलमार्ग के जरिए भारत के भीतरी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को जोड़ता है। इसकी वर्तमान वार्षिक कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.35 मिलियन टीईयू कंटेनर्स, 250,000 पैसेंजर कार्स, 2 मिलियन मीट्रिक टन लिक्विड बल्क और 4 मिलियन मीट्रिक टन ड्राई बल्क की है। एपीएम टर्मिनल्स पिपवाव भारत का पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) बंदरगाह है और यह एपीएम टर्मिनल्स वैश्विक टर्मिनल नेटवर्क का एक घटक है।

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