Edit-Rashmi Sharma
जयपुर, 3 दिसंबर, 2020: अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के तीन दिव्यांगों- बंसीलाल मेघवाल, राजेंद्र कुर्मी और विक्रम बलाई ने आज जयपुर में जवाहर सर्किल के पत्रिका गेट पर लोगों को निशुल्क मास्क और पीपीई किट वितरित किए। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर नारायण सेवा संस्थान ने जयपुर के आस पास के इलाकों में करीब 8500 निशुल्क मास्क और 500 पीपीई किट का वितरण किया है।
बंसीलाल मेघवाल ने कहा, ‘‘अपने नियमित रोजगार के तौर पर सिलाई का काम करते हुए हमें समाज के लिए कुछ करने का महत्वपूर्ण अवसर मिला है। हमने अपनी ओर से—मास्क तैयार किए और लोगों को निशुल्क वितरित किए हैं। इस मौके पर हम यही कह सकते हैं कि समाज के लिए कुछ करने से अधिक खुशी हमारे जीवन में नहीं हो सकती।‘‘
इस अभियान की शुरुआत इस विचार के साथ की गई थी कि लोगों को बेहतर तरीके से यह बताया जाए कि कोरोना वायरस कितना घातक हो सकता है कि यह दिव्यांग लोगों के जीवन पर भी असर डालता है। इस दिशा मंे जयपुर के लोगों की ओर से हमें जो प्रतिक्रियाएं मिली हैं, उन्हें देखकर हमारा हौसला बढ़ा है। कुछ लोग तो इतने उत्साहित थे कि वे अपने साथ घर से कपड़ा भी लेकर आए थे, ताकि हाथोंहाथ मास्क तैयार किया जा सके।
राजेंद्र कुर्मी ने कहा, ‘‘ लोगों में निशुल्क मास्क और पीपीई किट वितरित करना और अपने आप को इस मामले में खुशकिस्मत मानते हैं कि नारायण सेवा संस्थान ने उन्हें कोविड-19 को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा अवसर दिया है।”
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमने राज्य भर के क्षेत्रों में गरीबों और जरूरतमंदों के बीच 10000 मास्क और 500 पीपीई किट वितरित करने का लक्ष्य रखा है। दिव्यांग व्यक्तियों में पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी ऐसी स्थितियां मौजूद हैं जो उन्हें वायरस के खिलाफ लड़ाई में अधिक सक्षम बनाती हैं। कोरोना वायरस कितना भयानक और घातक हो सकता है, इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए नारायण सेवा संस्थान के तीन दिव्यांगों ने स्वप्रेरणा से एक कदम आगे बढ़ाया। उन्होंने राजस्थान सरकार के ‘नो मास्क, नो एंट्री‘ अभियान को बढ़ावा देते हुए लोगों को निशुल्क मास्क का वितरण किया है और दूसरे लोगों के सामने एक अनूठा उदाहरण पेश किया है।‘
उल्लेखनीय है कि पिछले 9 महीनों में नारायण सेवा संस्थान ने 1,54,120 खाद्य और राशन किट और 77,005 मास्क वितरित किए हैं और कृत्रिम अंगों के वितरण के लिए 483 अभियान चलाए हैं।