Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 04 दिसंबर 2020 : Amazon.in ने टॉय टेक्नोलॉजी में इन्नोवेशन लाने और माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत मिशन को समर्थन देने के लिए आज Skillenza के साथ मिलकर ‘#ToyathonChallenge2020’ को लॉन्च करने की घोषणा की। टॉय हैकाथॉन देशभर के शीर्ष संस्थानों के युवा इनोवेटर्स को एक साथ आने और शिक्षा, मनोरंजन और सह-भागिता पर केंद्रित होकर शैक्षणिक उपकरणों का उपयोग कर बच्चों के लिए खिलौने डिजाइन करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। #ToyathonChallenge2020 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो पूरे देश में बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए खिलौनों का उपकरण के रूप में उपयोग करने पर बल देती है और यह भारत की पहचान, इतिहास और कहानियों को बताने में भी सहायक भूमिका निभाते हैं।
इसके अलावा, यह अनूठी पहल नई टॉय टेक्नोलॉजी के साथ एक स्वदेशी बाजार का निर्माण करेगी और मनोरंजन उपयोग के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खिलौनों को लर्निंग टूल्स के रूप में विकसित करने के लिए भारत की पारंपरिक शिल्प कला को व्यापक अवसर प्रदान करेगी। यह अवसर उपलब्ध कराने के जरिये, अमेजन घरेलू उभरते इंडियन ब्रांड्स और विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करेगा और सरकार के मिशन का समर्थन करते हुए ‘मेड इन इंडिया’ टॉय को बढ़ावा देगा।
इस लॉन्च पर बोलते हुए, श्री रमेश पोखरियाल, माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कल्पना के अनुसार, खिलौना उद्योग बहुत बड़ा है और भारत के लिए इस क्षेत्र में अपनी पारंपरिक शिल्प निर्माण प्रक्रिया का उपयोग ऐसे खिलौने के विकास में करने की अपार संभावना है, जिनका उपयोग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए लर्निंग टूल्स के रूप में किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति और मूल्यों को प्रदर्शित करने के लिए टॉय टेक्नोलॉजी और डिजाइन में इन्नोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अमेजन द्वारा टॉय हैकाथॉन #ToyathonChallenge2020 को शुरू करते हुए मुझे बड़ी खुशी हो रही है। इस तरह की पहल के साथ ब्रांड्स को जुड़ते देख उत्साहजनक है, जो युवाओं को साथ मिलकर छात्रों के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने में सक्षम बनाएगा। मैं टीम अमेजन इंडिया को शुभकामना और बधाई देता हूं और इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करता हूं।”
अपने संबोधन में, श्री अमित अग्रवाल, ग्लोबल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कंट्री हेड, अमेजन इंडिया, ने कहा, “भारत का खिलौना निर्माण उद्योग विशिष्ट है और यह वैश्विक उद्योग में हमारे योगदान को बढ़ाने में मदद कर सकता है। हम माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर मिशन की दिशा में काम करने और भविष्य की पीढि़यों के लिए भारतीय संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा देने वाले खिलौने के निर्माण के लिए भारतीय युवाओं को प्रोत्साहित करने से काफी प्रसन्न हैं। हम स्थानीय कारीगरों और विनिर्माताओं का समर्थन करने वाली विभिन्न पहलों के माध्यम से एमएसएमई ईकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। घरेलू उद्योग को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में ToyathonChallenge2020 एक अगला कदम है, जहां विजेताओं को अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने के लिए प्रमुख भारतीय खिलौना विनिर्माता ब्रांड के साथ भागीदारी करने का मौका मिलेगा।”
भारत के किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्र इस हैकाथॉन में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद 9-12 हफ्ते तक चलने वाली वर्चुअल प्रतियोगिता का आयोजन चार चरणों में किया जाएगा। प्रविष्टियों का मूल्याकंन एक ज्यूरी द्वारा किया जाएगा और इसके बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
पिछले कुछ महीनों में, Amazon.in ने मेड इन इंडिया उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है। इस साल की शुरुआत में, Amazon.in ने हैंडीक्राफ्ट्स मेला और स्टैंड फॉर हैडमेड पहल की शुरुआत की, जिससे अमेजन कारीगर प्रोग्राम के 8 लाख से अधिक कारीगरों और बुनकरों एवं अमेजन सहेली प्रोग्राम की 2.8 लाख महिला उद्यमियों को फायदा मिला है। अमेजन ने भारतीय शिल्प के सभी रूपों को ऑनलाइन लाने के अपने प्रयास और कारीगरों एवं बुनकरों के विकास में तेजी लाने के लिए कई एम्पोरियम जैसे सिल्क मार्क ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया, पश्चिम बंगाल खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (ग्रामीण), खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (मध्य प्रदेश से Vindhya Valley) और पश्चिम बंगाल हस्तशिल्प विकास निगम (MANJUSHA), क्राफ्ट्समार्क सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स और दस्तकारीहाट समिति की शुरुआत की है।
अमेज़न ने भारत के सिल्क मार्क ऑर्गेनाइज़ेशन, पश्चिम बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (ग्रामीण), खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (मध्य प्रदेश से विंध्य घाटी), और पश्चिम बंगाल हस्तशिल्प विकास निगम (MANUSUSHA), क्राफ्टमार्क प्रमाणित उत्पादों, जैसे कई एम्पोरियम का शुभारंभ किया। और दस्तकारीहट समिति अपने मिशन में भारतीय शिल्प के सभी रूपों को ऑनलाइन लाने और कारीगरों और बुनकरों के विकास में तेजी लाने के लिए।