Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 10 दिसंबर 2020 – को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय नरेंद्र सिंह राठौड़ ने सिस्को वेबेक्स के माद्यम से विश्वविद्यालय के 51 वे स्थान से 26 स्थान प्राप्त करने के सुअवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक) अधिष्ठता) वैज्ञानिक) शिक्षक) कर्मचारी व छात्र-छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी । माननीय कुलपति ने भविष्य में प्रथम 10 में स्थान प्राप्त करने के लिए शिक्षण) अनुसंधान व प्रसार में संभावनाओं पर बिंदुसः विस्तृत चर्चा करी। डॉ राठौड़ ने पेटेन्ट) नई किस्मों के विकास) विश्वविद्यालय की साख) विद्यार्थी फेलोशिप एवं रेवेन्यू बढ़ाने की रणनीति पर कार्य करने का आवहान् किया। उन्होंने अधिक से अधिक विद्यार्थियों के प्लेसमेन्ट एवं लाइब्रेरी सर्च करने का आवहान् किया। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में सम्मिलित शैक्षणिक) अनुसंधान) प्रसार शिक्षा के क्षेत्र में सभी आयामों में कार्य कर रैंकिंग में सुधार कर सकते हैं । उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को नव ऊर्जा से ओतप्रोत हो पूरी निष्ठा व समर्पण भाव से कार्य में जुड़ने का आह्वान किया । कार्यक्रम की शुरुआत में अनुसंधान निदेशक डॉ शांति कुमार शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत किया वह रैंकिंग व्यवस्था व रूपरेखा पर प्रकाश डाला। डॉ शर्मा ने बताया कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने राजस्थान में पहला स्थान प्राप्त किया है । रैंकिंग कमेटी के समन्वयक डॉ अजय कुमार शर्मा, अधिष्ठाता, अभियांत्रिकी एवम प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, ने रैंकिंग प्रारूप के मजबूर एवं कमजोर पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ अरुणाभ जोशी, डॉ मीनू श्रीवास्तव एवं डॉ के एल जीनगर ने अपने महाविद्यालय में चल रही गतिविधियों वह रैंकिंग में योगदान पर विस्तृत विचार प्रस्तुत किए। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ एस एल मूंदड़ा ने विभिन्न जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से चल रही गतिविधियों वह कृषि प्रसार कार्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ कविता पाठक ने इस अवसर पर विश्व विद्यालय की गतिविधियों की चर्चा करी वह सभी वैज्ञानिकों के कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी तथा उन्हें इस स्थान को भविष्य में सुधारने के लिए प्रेरित किया । कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद प्रेक्षण विश्वविद्यालय के विशेष अधिकारी डॉक्टर विरेंद्र नेपालिया ने तथा तकनीकी संचालन क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ रेखा व्यास ने किया ।