बैगर्स और ट्रांस़जेंडर्स के लिए शुरू होंगे नए ट्रैनिंग कोर्स – डॉ. नीरज के. पवन

Edit-Dinesh Bhardwaj

जयपुर 17 दिसंबर 2020- सरकार जल्द ही नई पहल के रूप में बैगर्स और ट्रांसजेंडरों के लिए स्पेशल कोर्स शुरू करने जा रही है। इन स्पेशल कोर्सेस से उन्हें मुख्य समाज का हिस्सा बनने और सम्मानपूर्वक जीवन जीने का लाभ मिलेगा। यह योजना गुरूवार 17 दिसंबर से शुरू होगी। यह जानकारी शासन सचिव – श्रम, कौशल, रोजगार और उद्यमिता, राजस्थान सरकार, डॉ. नीरज के पवन ने दी। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान में सभी कौशल विकास केंद्र 21 सितंबर 2020 से शुरू हो गए हैं और जल्द ही वे अपने पूर्व-कोवि़ड लेवल को प्राप्त करेंगे। वे बुधवार को आयोजित 5वें एचआर समिट 2020 के वर्चुअल एडिशन के उद्घाटन सत्र में सम्बोधित कर रहे थे। ‘रीइमेजिनियरिंग द रोल ऑफ एचआर इन द पोस्ट कोविड वर्ल्ड’ थीम पर आयोजित इस समिट का आयोजन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा किया गया। सत्र का संचालन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के हेड श्री अतुल शर्मा ने किया।

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी सलाहकार, श्री एस वाई सिद्दीकी ने कहा भले ही वर्क फ्रॉम होम मारुति सुजुकी इंडिया कल्चर में कभी नहीं था, डिजिटलीकरण से सीखने की क्षमता से आगे बढ़ावा मिला। संकट एवं प्रतिकूल समय का सामना करने की क्षमता भविष्य में एक बहुत ही महत्वपूर्ण योग्यता बन कर उभरेगी।  लीडरशिप की नई शैली जैसे – कम्पैशनेट लीडरशिप, लिसनिंग लीडरशिप और ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप अब  अपनी जगह बनाएगी।

इन्फोसिस लिमिटेड के ग्रुप हेड – एचआर,  डॉ. कृष्णमूर्ति शंकर ने कहा कि डिस्ट्रिब्यूटेड वर्कस्पेस, हाइब्रिड वर्क मॉडल्स,  स्पेशलाइज्ड वर्कफोस, आल्टरनेट टैलेंट पूल और फ्लेक्सिबल बिजनेस मॉडल एचआर के भविष्य हैं। एचआर के  तीन प्रमुख परिवर्तनों में प्रतिभा, कर्मचारी अनुभव और संस्कृति में परिवर्तन शामिल होंगे।

केपीएमजी इंडिया की पार्टनर एंड हेड- पीपल एंड चेंज एडवाइजरी, डॉ. वैशाली डोंगरी ने कहा कि महामारी के क्राइसिस इंपैक्ट को कम करने और व्यवसायिक संगठन को सफलता की दिशा में बढ़ाने के लिए, एचआर में बदलाव लाना होगा और टैलेंट मैनेजमेंट में विकास करना होगा। उन्हें समझना होगा कि टैलेंट को कैसे रीटेन, एंगेज और मोटिवेट करना है।

महासचिव फिक्की, श्री दिलीप चिनॉय ने कहा कि एचआर इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इसमें बड़े पैमाने पर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और श्रम नियमों का पुनर्लेखन शामिल है। महामारी के दौरान संस्थान की स्थिरता और लचीलापन का पता चला और मौजूदा लोगों को नए जॉब रोल्स दिए गए।

एचआर एंड स्किल्स, फिक्की राजस्थान सब कमेटी के चेयरमैन और होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष, सुनील कुमार यादव ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि गत कुछ वर्षों में वैश्वीकरण से एचआर में नई कार्यप्रणालियों आई है। हाल के वर्षों में, एचआर में अनूठे परिवर्तन हुए हैं और लीडर्स डिजिटल माइंडसेट की ओर बढ़ रहे हैं। वर्तमान समय में देश की बदलती जरूरतों के अनुसार एचआर की भूमिका में फिर से ध्यान देने की आवश्यकता है।

प्लेनरी सेशन-1: चेंजिंग रोल ऑफ एचआर – लीडिंग थ्रू क्राइसिस

उद्घाटन सत्र के बाद चेंजिंग रोल ऑफ एचआर – लीडिंग थ्रू क्राइसिस विषय पर प्लेनरी सेशन – 1 शुरू हुआ। सत्र का संचालन सीईओ, अकील बसराई कंसल्टिंग और पूर्व कार्यकारी निदेशक एचआर, आईबीएम, अकील बसराई द्वारा किया गया।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष – एचआर स्ट्रैटेजी एवं प्लानिंग (स्पेशल प्रोजेक्ट्स), रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, डॉ. प्रशांत देशपांडे ने कहा कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ (डब्ल्यूएफएच) नया विचार नहीं है यह हमेशा हमारी सामूहिक परिकल्पना का एक हिस्सा था। मानव ने औद्योगिकीकरण युग से पूर्व इसी प्रकार काम किया था। जैसा कि हमें कार्यालयों और फैक्ट्रियों में काम करने की आदत है, हम डब्ल्यूएफएच के बारे में भूल गए। लेकिन परिस्थितियों ने फिर से हमें डब्ल्यूएफएच पर वापस ला दिया है।

ओवरकमिंग एचआर एंड बिजनेस चैलेंजेस: प्रीप्रेरिंग फॉर द न्यू नॉर्मल  पर बोलते हुए कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं कंट्री हेड – एचआर, सीमेंस लिमिटेड, डॉ. शिल्पा काबरा माहेश्वरी ने कहा कि मानव संसाधन को विकसित करने की जरूरत है और प्राचीन क्षमतागत ढांचे में नहीं रहना चाहिए। कर्मचारियों के साथ संवाद करना और आत्मनिर्भर वातावरण बनाना, आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है।

‘लर्निंग एजिलिटी’  कॉन्सेप्ट का परिचय देते हुए – माइंडसेट ओवर स्किल, हेड – एचआर, नगारो, श्री मुकुंद नायर ने कहा कि सीखने के लिए एस्पिरेशन कल्चर को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह एक ईकोसिस्टम है जो सीखने को पुरस्कृत करता है और योगदान देने को सुविधाजनक बनाता है। यह  सीखने के मार्ग को चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करता है जैसे कि आत्म-शिक्षा, प्रशिक्षक के नेतृत्व में शिक्षण, हैंड्स-ऑन अथवा गाइडेंस में शिक्षण।

प्लेनरी सेशन-II – द फ्यूचर ऑफ इंडस्ट्रीयल रिलेशन्स

इसके बाद प्लेनरी सेशन -II – द फ्यूचर ऑफ इंडस्ट्रीयल रिलेशन्स का आयोजन हुआ। सत्र का संचालन जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. प्रभात पंकज ने किया। वक्ताओं ने नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच अनुकूल माहौल बनाने की आवश्यकता के बारे में बताया। इसमें देश में संस्थागत सुधार लाने के लिए श्रम कानूनों में किए गए परिवर्तनों पर भी चर्चा की गई। आगे बढ़ने के लिए समावेशी कार्यस्थल बनाने, विश्वास, सहानुभूति लाने और कर्मचारियों और संगठन के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना आवश्यक कदम होगा। इसके अलावा कर्मचारियों को कंपनी के विकास में सक्रिय भागीदार बनने का अधिकार होना चाहिए। इस प्लेनरी सत्र को सीआईओ (CIO), सीएचआरओ (CHRO) एवं हेड- सीएसआर (CSR), हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, श्री विजय सेठी; एचआर एंड प्लानिंग हेड, होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड, ज्योति सिंह; फैकल्टी – एचआरएम, एक्सएलआरआई जमशेदपुर, डॉ. जतिंदर कुमार झा और डिप्टी प्लांट हेड, डायकिन एयरकंडिशनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, श्री पंकज दीवान ने भी संबोधित किया।

About Manish Mathur