Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 19 दिसंबर 2020 – आजदिनांक 19 दिसंबर 2020 को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के गोद लिए गांव मदार में दो प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़, माननीय कुलपति थे। मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए उन्होंने गांव वासियों से कहा कि अगले 3 वर्षों में विश्वविद्यालय गांव में वृहद रूप से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती से महिला एंव किसान 100 रू के खर्च पर 450 रु की आय अर्जित कर सकते हैं इसके लिए किसानों को अलग से जमीन की आवश्यकता नहीं होगी और खेती के साथ-साथ मशरूम से अतिरिक्त आय अर्जित कर जीवन स्तर में सुधार कर सकते हैं। माननीय कुलपति महोदय ने कहा की किसान खेती पर विश्वास रखे, रोजाना दो हजार किसान खेती छोड़ रहे है। जबकि हकीकत यह है की इस कोरोना काल के कठिन समय मे चौदह करोड़ किसानो ने एक सौ छत्तीस करोड़ जनसंख्या को अनाज खिलाया। ये कृषि के कारण ही संभव हो पाया है।
कार्यक्रम में डॉ इंद्रजीत माथुर, गोदित गांव को ऑर्डिनेटर ने बताया कि पिछले 6 माह में गांव में किसानों को अनाज व फल सब्जियों के कई प्रदर्शन दिलवाये गए साथ ही गांव मैं कार्य करने हेतु तीन वर्षीय कार्य योजनाएं भी बनाली गई हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. एस. के.शर्मा, अनुसंधान अधिकारी ने अनुसंधान गतिविधियों की जानकारी दी। विशिष्ठ अतिथि डॉ. एस. एल. मूंदड़ा, निदेशक प्रसार ने प्रसार गतिविधियों की जानकारी दी। गांव की सरपंच लक्ष्मी बाई ने विश्वविद्यालय से अपेक्षाओं की चर्चा की। डॉ पी. बी. सिंह, मूंगफली परियोजना ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को मिलकिंग कैन, अनाज भंडारण कोठी, बायोफर्टिलाइजर, मूंगफली छिलक यंत्र व स्प्रेयर दिए जाएंगे। डॉ. एस.एस.शर्मा, मशरूम परियोजना द्वारा 50 महिलाओं को मशरूम वितरित किए गए व मशरूम उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ. देवेंद्र जैन ने बायोफर्टिलाइजर की जानकारी दी। स्वच्छता पखवाड़ा मनाते हुए सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय की अनुसंधान इकाई कुलपति महोदय के अनुग्रह से गांववासियों को स्वच्छता की शपथ दिलवाई।
यह कार्यक्रम केंद्रीय संस्थान भुवनेश्वर के अधीन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.विशाखा बंसल ने किया व धन्यवाद ज्ञापन डॉ.आर.बी. दुबे ने किया।