Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 21 दिसंबर 2020 : जब एयरबीएनबी और डोरडैश पिछले हफ्ते आईपीओ के लिए गए, तो उनका शुरुआती निवेशक वायकॉम्बिनेटर (वायसी) एक बड़े विजेता के रूप में सामने आया। जिन लोगों ने इन कंपनियों को शुरुआत में खारिज कर दिया था, उनमें ही FOMO (कुछ खो देने का डर) दिख रहा था। आईपीओ में एयरबीएनबी और डोरडैश ने क्रमशः $ 100 बिलियन और $ 72 बिलियन मार्केट कैप से शुरुआत की। इन निवेशों से वायकॉम्बिनेटर को 100- 1000 गुना तक बेहतरीन रिटर्न मिला है। 2005 में वाईसी ने जो निवेश क्रांति शुरू की थी, वह भारत समेत तमाम प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में फैल गई और इसने पिछले कुछ वर्षों में कई एक्सीलरेटर और इनक्यूबेटरों का जन्म होते देखा है। एक एक्सीलरेटर जो भारतीय बाजार में वायसी के समान भूमिका निभा रहा है, वह मुंबई स्थित 9यूनिकॉर्न्स है। यह लॉन्च के पहले वर्ष में 32 डील्स के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला और सबसे आक्रामक खिलाड़ी के रूप में उभरा है। वायसी ने अपने लॉन्च के पहले साल में महज 24 स्टार्ट-अप्स में निवेश किया था।
भारत के अग्रणी इंटिग्रेटेड इनक्यूबेटर वेंचर कैटेलिस्ट्स (वीकैट्स) के 300 करोड़ रुपए के सेक्टर-एग्नोस्टिक फंड ने 2020 में अपने पहले ही वर्ष में लगभग हर महीने औसतन तीन स्टार्ट-अप में निवेश किया है। सैकड़ों स्टार्ट-अप के आइडिया हर महीने 9यूनिकॉर्न्स के सामने आए और उसकी सख्त चयन प्रक्रिया मापदंडों के चलते कुछ प्रतिभाशाली विचारों को चुना गया। यह उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए चुने गए प्रत्येक स्टार्ट-अप के पीछे 90 स्टार्ट-अप आवेदनों को अस्वीकार किया है। यह प्रक्रिया फंड बनाने में कैटेगरी लीडर्स की मदद करती है और अगले यूनिकॉर्न बनने के लिए इन स्टार्ट-अप को बेहतर बनाती है। उदाहरण के लिए, इसके कुछ निवेशकों – टोच, जननी एआई, क़िन1 ने निवेश के पहले छह महीने के भीतर अगले हायर राउंड वैल्यूएशन की तैयारी कर ली है। इसने अब तक डीपटेक, बी2बी सास, मीडिया, एफएमसीजी, फिनटेक, इंश्योरटेक, हेल्थटेक और एडटेक सेक्टर में निवेश किया है।
9यूनिकॉर्न्स में निवेश करने और उच्च विकास की कंपनियां बनाने की क्षमता पर 9यूनिकॉर्न्स के पार्टनर अभिजीत पई ने कहा, “आज हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसने टेक्नोलॉजी को अपनाने की आवश्यकता को स्पष्ट तौर पर साबित किया है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और यहां दुनिया के सबसे ज्यादा युवा रहते हैं, ऐसे में भारत और भारतीय स्टार्टअप दोनों को ही नए युग के उपभोक्ताओं और उद्यमों से बहुत अधिक मिलने वाला है। 9यूनिकॉर्न्स में हम आइडिया/ प्रारंभिक चरण में टेक्टोनिक शिफ्ट लाने का प्रयास करते हैं और लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएशन और बदलाव को प्रदर्शित करने की उम्मीद करते हैं। हमारा मानना है कि भारत वर्षों में कई वेल्थ क्रिएटर्स को आगे लाएगा और यह भरोसा दिलाएगा कि ये न केवल दुनिया के स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरते हैं बल्कि पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है।”
एक एक्सीलरेटर के रूप में 9यूनिकॉर्न्स आइडिया-स्टेज पर प्रति स्टार्ट-अप 5%-7% इक्विटी के लिए एक लाख अमेरिकी डॉलर तक निवेश करता है। दिसंबर-2020 तक, इसने सिकोइया सर्ज, टाइटन कैपिटल, एसओएसवी, लाइटस्पीड, मैट्रिक्स पार्टनर्स और नेक्सस वेंचर्स जैसे सह-निवेशकों के साथ सिंडिकेशन के माध्यम से 240 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। सिंडिकेशन में देश के कुछ प्रमुख “सुपर एन्जिल्स” भी शामिल हैं, जैसे – रितेश अग्रवाल (ओयो), पंकज चड्ढा (ज़ोमेटो), आनंद चद्रशेखरन (फेसबुक), रमाकांत शर्मा (लिवस्पेस), अमरीश राऊ (साइट्रस पे), हर्ष शाह (फाइंड), मनिंदर गुलाटी (ओयो), विकल साहनी (गोआइबिबो) और संजीव बजाज (बजाज कैपिटल) के साथ-साथ सौ अन्य भी है।
9यूनिकॉर्न के संस्थापक डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, “सिलिकन वैली में इनोवेशन और स्टार्ट-अप्स तब मेनस्ट्रीम हो गए जब पहली पीढ़ी के स्टार्ट-अप्स- इंटेल, एपल, और माइक्रोसॉफ्ट के शुरुआती कर्मचारी दूसरी और तीसरी जनरेशन के उद्यमी बन गए। हमारे यहां भी फ्लिपकार्ट को पहली पीढ़ी के स्टार्ट-अप के तौर पर देखने के बाद हम भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में विस्फोटक वृद्धि देख रहे हैं। हमारे पास टॉप-नॉच ग्रिट, जुनून, प्रतिभा और महत्वाकांक्षा वाले उद्यमियों की कोई कमी नहीं है। 9यूनिकॉर्न्स में हम दृढ़ता से मानते हैं कि भारत एयरबीएनबी आईपीओ-जैसी बड़े पैमाने पर तरलता की घटनाओं का गवाह बनेगा और इस वजह से हम शुरुआत से ही उद्यमियों को सपोर्ट करना चाहते हैं। भारत में निचले स्तर से शुरू होकर हम भारत के अपने वायकॉम्बिनेटर बनना चाहते हैं। “
9 यूनिकॉर्न को दस देशों के कई जाने-माने ग्लोबल एलपी सपोर्ट कर रहे हैं। इनमें ओपीजी ग्रुप, एमबीजी ग्रुप, क्वालकॉन इंटरनेशनल, यूबी कॉटन, एसएपी के टॉप एक्जीक्यूटिव्स, लिंक्डइन, क्वेस्ट ग्लोबल, एबी इनडेव, फुजित्सु आदि जैसे बड़े संगठन और फैमिली ऑफिस का सपोर्ट शामिल है।
बहुत समय से यह आक्रामक रूप से इनोवेशन के गढ़ बन रहे छोटे भारतीय शहरों और नगरों में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में निवेश करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो बढ़ी हुई जागरूकता, बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ आगे बढ़ रहा है जिसके लिए जियो और बढ़ते उपभोक्तावाद को भी काफी हद तक श्रेय जाता है। इसके पीछे का विचार भारतीय महानगरों के बाहर स्थापित आइडिया-स्टेज के स्टार्ट-अप्स को यूनिकॉर्न बनने की उनकी यात्रा में सहायता करने का है।
देश में केवल 40 यूनिकॉर्न है जबकि एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप हैं। इनमें हॉस्पिटैलिटी चेन ओयो, न्याका, पाइन लैब्स, पोस्टमैन, रेजरपे, जेरोधा और जोहो शामिल हैं। हालांकि, यूनिकॉर्न्स तेजी से बढ़ रहे हैं। 2020 में ही, लगभग 9 यूनिकॉर्न पैदा हुए हैं। इसमें शामिल होने वाली नई कंपनी है बी2बी सास कंपनी- जेनोटी।
डॉ. शर्मा का कहना है कि एक एक्सीलरेटर के तौर पर हमारी प्रतिबद्धता भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और मजबूती देने और बढ़ाने की है। ताकी जितने ज्यादा हो सके, यूनिकॉर्न्स बनाए जा सके। हमारा मानना है कि भारत अगले 4-5 साल में कम से कम 200 यूनिकॉर्न्स बना लेगा, जो करीब 5 लाख ऐसे स्टार्ट-अप में अपनी जगह बना चुके होंगे। 9यूनिकॉर्न्स में हमारा लक्ष्य अगले 9 महीनों में 100 स्टार्ट-अप्स का पोर्टफोलियो तैयार करने का है।”