Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 29 दिसंबर 2020 : कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में कार्यरत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने अपरेंटिस के लिए 110वें ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट(एआईटीटी) के परिणाम की घोषणा की है।यह परीक्षा सितंबर 2020 में आयोजित की गई थी, जिसमें 200 से अधिक ट्रेडों में 7,300 उद्योगों के साथ समन्वय किया गया था। एआईटीटी के लिए लगभग 96,000 उम्मीदवार उपस्थित हुए, जिसमें से 50,000 से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की।उत्तीर्ण होने वाली लड़कियों और लड़कों का प्रतिशत क्रमशः 58.41% और 51.44% है, जो शिक्षुता में महिला भागीदारी को बढ़ाने का प्रमाण है।कुमारी स्नेहा, आईएचएमसीटी, पानीपत-हरियाणा ने नेशनल अपरेंटिस सर्टीफिकेट (एनएसी) में 95.96% स्कोर के साथ अव्वल रही।कल्याण राणा, टेक्समको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड, पश्चिम बंगाल और थिरुसेल्वम एम, बीएचईएल-पुदुकोट्टई-तमिलनाडु क्रमशः परीक्षा में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
अपरेंटिसशिप ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, नेशनल अपरेंटिसशिप सर्टीफिकेट (एनएसी) के लिए ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट (एआईटीटी) के माध्यम से एक वर्ष में दो बार मूल्यांकन किया जाता है।एआईटीटीएक कौशल-उन्मुख मूल्यांकन है जो डीजीटी और इन्डस्ट्री द्वारा किया गया है, और इसे सफल बनाने के लिए निरंतर अभ्यास, समर्पण, लगन और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। डीजीटी-एमएसडीई देश भर के युवाओं को प्रासंगिक इन्डस्ट्री एक्सपोज़र प्रदान करके उन्हें रोजगारपरक बनाने के लिए प्रतिष्ठानों और उद्योग के सहयोग से अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को प्रमाणित करता है।यह प्रशिक्षण अपरेंटिस अधिनियम, 1961 के तहत है और राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के माध्यम से समर्थित है। प्रशिक्षण नामित ट्रेडों में डीजीटी द्वारा डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम के अनुसार है, जो एक प्रशिक्षु को उद्योग में की-प्लेयर्स द्वारा ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण प्राप्त करने और स्टाइपेंड प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने सफल उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा, “वर्षों से, डीजीटी-एमएसडीई ने देश भर के उद्यमों में काम पर रखे गए प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं।हम कार्यक्रम में अधिक भागीदारी के लिए 2019 में शिक्षुता नियमों में महत्वपूर्ण सुधार लाए हैं। नेशनल अपरेंटस सर्टीफिकेट (एनएसी) युवाओं को सही कौशल प्रदान करने और उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए इंडियन अपरेंटिसशिप ईकोसिस्टम को मजबूत करने के हमारे अथक प्रयासों में एक अभिन्न भूमिका निभाता है।सभी सफल उम्मीदवारों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई और मैं उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि ये उज्ज्वल, गतिशील और प्रतिभाशाली पेशेवर अपने संबंधित उद्योगों में अपनी छाप छोड़ेंगे और हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करने में बहुत योगदान देंगे”।
उद्योग और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज के युवाओं को एक ही समय में काम करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अप्रेंटिसशिप को एक प्रभावी तरीके के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम भारत के कार्यबल की अप-स्किलिंग के कार्य को पूरा करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है, विभिन्न पक्षों (नियोक्ताओं, व्यक्तियों और सरकार) के बीच लागत साझा करने और सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को भागीदारी में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है। अप्रेंटिसशिप भविष्य में ‘स्किल्ड इंडिया‘ के सपने को साकार करने में मदद करने के लिए उद्योग और युवाओं दोनों के लिए एक विन-विन सिचुएशन है।
इस संबंध में अपने विचार साझा करते हुए, प्रशिक्षण महानिदेशालय की महानिदेशक श्रीमती नीलम शमी राव ने कहा कि, “हमारा मिशन मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करना, कुशल कर्मचारियों की मांग को पूरा करना और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करके उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है। हमने महसूस किया है कि औपचारिक प्रशिक्षण के लिए उद्योग-आधारित, प्रैक्टिस-ओरिएन्टिड, प्रभावी और कुशलतरीके के लिए अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को उच्च प्राथमिकता के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। अब एक ‘न्यू नार्मल‘ के साथ,जैसा कि बाजार की गतिशीलता तेजी से विकसित हो रही है, अपरेंटिसशिप पर बढ़ाया गया फोकस नौकरियों के भविष्य के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के लिए मान्यता प्राप्त, एनएसी हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारी पहल राष्ट्रीय के साथ-साथ वैश्विक उद्योग मानकों और आवश्यकताओं के साथ संरेखित हो।