एमएसएमई के लिए वन-टाइम रीस्ट्रक्चरिंग प्रस्ताव में डिजिटल सबमिशन की सुविधा के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने सिडबी से मिलाया हाथ

Editor-Manish Mathur

जयपुर 06 जनवरी 2021 –  देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो एमएसएमई उद्यमों को अपना ऋण पुनर्गठन प्रस्ताव प्रस्तुत करने की ऑनलाइन सुविधा देता है।
भारत सरकार और आरबीआई ने कोरोना महामारी के दौर में एमएसएमई को राहत देने के लिए कई उपाय किए हैं। इसी की शृंखला में आरबीआई ने 25 करोड़ रुपए तक के बकाया कर्ज वाले एमएसएमई को राहत देने के लिए वन-टाइम रीस्ट्रक्चरिंग (ओटीआर) विंडो को मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। इस पृष्ठभूमि में, बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म के लिए सिडबी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जोएमएसएमई (एआरएम-एमएसएमई) के लिए एसेट रीस्ट्रक्चरिंग मॉड्यूल है।
एआरएम-एमएसएमई एमएसएमई के लिए एक स्वचालित / डू-इट-योरसेल्फ (डीआईवाई) वेब-पोर्टल है, जिसमें कई परिदृश्यों और राहत विकल्पों को समेटे हुए वित्तीय व्यवहार्यता अनुमानों के साथ पुनर्गठन प्रस्ताव है। पोर्टल का उपयोग करते हुए, बैंक के मौजूदा एचएमई उधारकर्ता, मुफ्त में अपने घर / कार्यालय से बड़े आराम के साथ ऋण खातों के पुनर्गठन के लिए आवेदन जमा करने की ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उधारकर्ता, ऑनलाइन आवेदन को संशोधित कर सकते हैं या अपनी सुविधा के अनुसार एक नया ऑनलाइन आवेदन फिर से जमा कर सकते हैं। अपनी तरह की यह नई पहल, एमएसएमई को पुनर्गठन प्रस्तावों में अतीत के जरूरी डेटा और भविष्य के अनुमानित डेटा के साथ आवेदन पेश करने में सक्षम बनाती है।

इस अवसर पर बोलते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य महाप्रबंधक डाॅ. रामजस यादव, ने कहा,‘एक बैंक के रूप में, हम डिजिटलीकरण और उपभोक्ता अनुकूल प्रक्रियाओं के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। यही वजह है कि हम एआरएम-एमएसएमई जैसे प्लेटफॉर्म के लिए सिडबी के साथ हमारी साझेदारी कर रहे हैं, जो बिना किसी अतिरिक्त लागत के एमएसएमई को सुविधाजनक समाधान प्रदान करेगा। इस साझेदारी के माध्यम से, हम उम्मीद करते हैं कि कई एमएसएमई को सहायता मिलेगी, जिन्हें वर्तमान समय में बाह्य स्रोतों से वन-टाइम रीस्ट्रक्चरिंग के आवेदन के लिए सलाहकार की आवश्यकता है। ”

About Manish Mathur