Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 07 जनवरी 2021 – सुविधा, दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और सिट्रोएन इंडिया द्वारा कराये गये एक नये शोध में यही बात प्रकाश में आई है कि भारतीय कहां और किस रूप में आराम चाहते हैं। सिट्रोएन इंडिया के ‘कम्फर्टोलॉजी’ रिसर्च में विभिन्न अवस्थाओं में भारतीयों के कम्फर्ट लेवल्स से जुड़ी कई रोचक बातें जानने को मिलीं, जिसमें मोबिलिटी पर सबसे अधिक जोर दिये जाने के बारे में पता चला। प्राप्त निष्कर्षों से सुविधा के बारे में लोगों की धारणा और परिभाषा पर महामारी के प्रभाव का भी पता चलता है। यह शोध अध्ययन भारत के 10 शहरों में किया गया, जिनमें विभिन्न आयु एवं लिंगों के कुल 1801 प्रतिक्रियादाताओं ने हिस्सा लिया।
आराम और यात्रा, विशेषकर सड़क यात्रा के बीच जटिल संबंध, और इस बारे में भारतीयों के अनुभव से संबंधित एक प्रमुख आंकड़ा
- 19% प्रतिक्रियादाताओं ने गाड़ी वाहनों से काम पर जाते समय पॉट-होल्स व जर्क्स आदि के चलते इस समय को ‘दिन का सबसे असुविधाजनक समय‘ बताया
- 29% प्रतिक्रियादाताओं ने स्वीकार किया कि वाहनों में बैठकर काम पर जाते समय बाहर से इतना अधिक शोरगुल/ गाडि़यों का चिल्ल-पों होता है कि वो किसी भी चीज़ पर अपना ध्यान एकाग्र नहीं कर पाते हैं
- 16% प्रतिक्रियादाता अपने मित्रों को कॉल करने की कोशिश करते हैं और उनसे मिलने की कोशिश करते हैं; लेकिन यातायात की बाधाओं के चलते यह काफी मुश्किल व असुविधाजनक होता है
- 49% भारतीय गाड़ी चलाते समय कमर दर्द, गर्दन दर्द और अन्य शारीरिक तनाव का अनुभव करते हैं
सिट्रोएन इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, सेल्स एवं मार्केटिंग, श्री रोलैंड बौचारा इस शोध के उद्देश्य एवं प्रमुख निष्कर्षों को रेखांकित करते हुए बताया, ”सुविधा या असुविधा, ड्राइविंग अनुभव का एक परिभाषक तत्व है; यह सड़क का उपयोग करने वालों और वाहन खरीदने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण रूप से विचारणीय है। यह शोध, दैनिक जीवन के संबंध में विशिष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि भारतीय किस रूप में और कहां पर सुविधा की इच्छा रखते हैं, और उनकी यात्रा के तरीकों के बारे में भी उनकी सोच को बताता है। उदाहरण के तौर पर, आरंभिक निष्कर्ष, लोगों के अनुभव और सुविधा की परिभाषा पर महामारी के गहरे प्रभाव को दर्शाता है; 25% प्रतिक्रियादाता महामारी से पूर्व कम दूरी की यात्राओं (3 किमी. तक की) के लिए प्राइवेट कार का उपयोग किये होते तो उन्हें सर्वाधिक सुविधा व आराम का अनुभव मिला होता, आज यह आंकड़ा बढ़कर 34% हो गया है। इस अवधि के दौरान साझा/सार्वजनिक परिवहन (बस/ट्रेन) के उपयोग के प्रति झुकाव 28% से घटकर मात्र 12% हो गया है।”
ऑटोमोटिव जगत में, सिट्रोएन, सुविधा के तत्व का पर्याय है। सिट्रोएन कम्फोर्ट की फिलॉसफी के पहलू में व्यावहारिकता एवं बहुपयोगिता के विचार शामिल हैं, ताकि ड्राइविंग और यात्रा को अधिक सरल बना सकें। कोई भी कार हमारे दैनिक जीवन में जितनी अधिक उपयोगी होगी, हमारे लिए उसका स्वामित्व अनुभव उतना ही ज्यादा आनंदायक व आरामदेह होगा। सिट्रोएन के लिए, फंक्शनल कम्फर्ट का आशय ऐसी अत्यधिक अर्गोनॉमिक, उपयोग में आसान केबिन डिजाइन्स और तकनीक के सम्मिश्रण से है जो सहज-ज्ञान आधारित हो और जिसे ऑपरेट करना आसान हो। व्यापक रूप से ऑटोमेटिव क्षेत्र में, कारों में तकनीक का अत्यधिक उपयोग होने लगा है; कुछ मामलों में तो उपयोगकर्ताओं के लिए अहितकर स्थिति तक भी इसका समावेश किया गया है। इसके विपरीत, सिट्रोएन ने नयी तकनीक को इस रूप में उपयोग में लाने की कोशिश की है जिससे कि कार का उपयोग आसान हो सके, जिसकी फंक्शनैलिटी से अधिक आराम मिल सके। सिट्रोएन का समूचा इतिहास, अधिकतम ‘लिविंग कम्फर्ट’ प्रदान करने के उद्देश्य के साथ कारों के विकास का गवाह है।
भारत में नयी सिट्रोएन सी5 एयरक्रॉस एसयूवी के लॉन्च से पूर्व, श्री रोलैंड बौचारा ने सुविधा के साथ ब्रांड के संबंध एवं इसकी वचनबद्धता पर जोर देते हुए बताया कि समग्रता के साथ सुविधा के समावेश पर ब्रांड द्वारा प्रमुख रूप से बल दिया जाता है। ”1919 के बाद से, सिट्रोएन, क्रांतिकारी ‘मोट्योर फ्लोटैंट‘ (फ्लोटिंग इंजन) से लेकर प्रोग्रेसिव हाइड्रॉलिक कुशंस® के साथ ऑटोमोटिव कम्फर्ट में अग्रणी रहा है। कम्फर्ट के मामले में सिट्रोएन का बेंचमार्क, सिट्रोएन एडवांस्ड कम्फर्ट® प्रोग्राम से झलकता है जिसका उद्देश्य हर पैसेंजर को बेजोड़ कम्फर्ट प्रदान करना है। हमारे लिए, सुविधा का मतलब संपूर्ण ड्राइविंग अनुभव का सैद्धांतिक विचार है। हमारी डिजाइन्स एवं फीचर्स का उद्देश्य ड्राइवर के मानसिक बोझ को कम करना है जिसके लिए हल्के, स्पेशियस केबिन फॉर्मट्स के साथ बुद्धिमत्तापूर्ण ड्राइवर सहायता उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। ये सभी कारक यात्रा के माहौल को तनावमुक्त बनाते हैं, अभिनव समाधान एवं स्मार्ट टेक्नोलॉजी, सभी पैसेंजर्स के तन-मन को सुख प्रदान करने के लिए हैं।”
सिट्रोएन इंडिया के ‘कम्फर्टोलॉजी’ रिसर्च में भारतीय के कम्फर्ट लेवल्स के बीच कई रोचक अंतर जानने को मिले; लगभग एक-तिहाई (23%) के लिए घर से काम करना (डब्ल्यूएफएम) ‘बेहद आरामदेह’ है, जबकि लगभग इतने ही अनुपात (22%) प्रतिक्रियादाताओं ने इसे ‘बेहद असुविधाजनक’ बताया।
लिंग की दृष्टि से, लॉकडाउन के दौरान अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में महिलाओं ने कार्य और गृह जीवन की मांगों के बीच अधिक सहजतापूर्वक संतुलन बनाये रखा; दो–तिहाई (66%) महिला प्रतिक्रियादाता, कोविड-19 के दौरान अपनी दोनों ही जिम्मेदारियां निभाने में ‘सहज‘ या ‘बेहद सहज‘ रहीं, जबकि मात्र 49%
पुरुष प्रतिक्रियादाता ऐसा करने में सफल रहे।
ये निष्कर्ष पहले ही प्रकाशित कर दिये गये, जबकि भारत में सुख-सुविधा के बदलते स्वरूप एवं स्रोत के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाली रिपोर्ट, सिट्रोएन इंडिया द्वारा प्रकाशित की जा रही है।
सिट्रोएन इंडिया की ‘कम्फर्टोलॉजी‘ रिपोर्ट जनवरी 2021 में पूर्णरूपेण प्रकाशित की जायेगी।
सिट्रोएन के विषय में
मोटर वाहन बाजार के केंद्र में, सिट्रोएन ने 1919 से ही इस शब्द के सही अर्थों में एक लोकप्रिय ब्रांड के रूप में खुद को विकसित किया है, जो लोगों और उनकी जीवनशैली को प्रेरणा का पहला स्रोत बनाता है। अपने स्पिरिट इंस्पायर्ड बाय यू ’हस्ताक्षर द्वारा रेखांकित की गई आत्मा और अद्वितीय डिजाइन और बेंचमार्क आराम के संयोजन वाली कारों द्वारा सन्निहित। मुख्यधारा के ब्रांडों के क्षेत्र के भीतर, सिट्रोएन भी एक अद्वितीय ग्राहक अनुभव (सिट्रोएन सलाहकार, ‘ला मैसन सिट्रोएन’ आदि) के साथ खड़ा है। 2018 में, ब्रांड ने 90 से अधिक देशों में 1.05 मिलियन वाहन बेचे।
सिट्रोएन मीडिया साइट: https://int-media.citroen.com / @Citroen